चारधाम रेल मार्ग पर एक साथ दस टनल का निर्माण शुरू
रेलवे प्रशासन उत्तराखंड के चारधाम रेलमार्ग का निर्माण दो चरण में करेगा। पहले चरण में योगनगरी ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलमार्ग बनेगा। इस मार्ग का पहला स्टेशन योगनगरी बनकर तैयार हो गया है। केंद्र सरकार प्रथम चरण का निर्माण वर्ष 2024 के पहले पूरा करने का लक्ष्य दिया है।
मुरादाबाद, जेएनएन : प्रथम चरण के चारधाम रेल मार्ग निर्माण को समय से पूरा करने के लिए एक साथ 10 टनल का निर्माण शुरू हो गया है। इस मार्ग में 15 किमी लंबी टनल के लिए विदेश से मशीन मंगाई गई हैं। मंडल रेल प्रशासन ने 2024 में ट्रेनों को चलाए जाने का लक्ष्य रखकर तैयारी कर रहा है।
रेलवे प्रशासन उत्तराखंड के चारधाम रेलमार्ग का निर्माण दो चरण में करेगा। पहले चरण में योगनगरी ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलमार्ग बनेगा। इस मार्ग का पहला स्टेशन योगनगरी बनकर तैयार हो गया है। केंद्र सरकार प्रथम चरण का निर्माण वर्ष 2024 के पहले पूरा करने का लक्ष्य दिया है। इस मार्ग के निर्माण की रेल मंत्रालय के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) निगरानी कर रहा है। रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरबीएनएल) योगनगरी से कर्ण प्रयाग तक के 125 किमी लंबे रेल मार्ग में 105 किलोमीटर लंबी टनल बनाएगा। 20 किमी ट्रेन खुले स्थान से गुजरेगी। आरबीएनएल ने प्रथम चरण के निर्माण कार्य को दस भाग में बाटा है।
टनल में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी ट्रेन
रेल मार्ग में ढावला से शिवपुरी, शिवपुरी से व्यासी, व्यासी से देव प्रयाग, देव प्रयाग से जनासू, जानसू से श्रीनगर, श्रीनगर से धारीदेवी, धारीदेवी से तिलनी, तिलनी से धोसतीर, धोलती से गौचर और गौचर से कर्ण प्रयाग तक दस से अधिक टनल का निर्माण होगा। चैनाग के पास बनने वाले टनल की लंबाई 15 किमी से अधिक है। आरबीएनएल ने सभी भाग के लिए अलग-अलग कंपनी को काम सौंपा है। योगनगरी से कर्ण प्रयाग तक सामान्तर टनल भी बनेगा, जिससे दुर्घटना होने पर राहत कार्य आसानी से किया जा सके। रेल मार्ग विद्युतीकरण होगा, जिसमें ट्रेन सौ किमी प्रतिघटे की रफ्तार से ट्रेन चलेंगी। मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने बताया कि योगनगरी कर्ण प्रयाग रेल मार्ग पर 2024 में ट्रेन चलाने के लिए तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। इस मार्ग का प्रथम स्टेशन योगनगरी में मंडल प्रशासन को यात्री सुविधा को लेकर कई काम कराए जाने हैं। शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक भी है।