मुरादाबाद में वाणिज्य कर अधिकारियों ने 82 लाख 32 हजार रुपये का जुर्माना लेकर पान मसाला व जर्दा छोड़ा

Commercial Tax Department Action व्यापारी ने गलती स्वीकार किया। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू अवधेश कुमार ने बताया कि व्यापारी ने 83.32 लाख रुपये का जुर्माना जमा कर दिया है इसके बाद पकड़े गए पान मसाला व जर्दा को छोड़ दिया है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:56 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 08:11 AM (IST)
मुरादाबाद में वाणिज्य कर अधिकारियों ने 82 लाख 32 हजार रुपये का जुर्माना लेकर पान मसाला व जर्दा छोड़ा
रुद्रपुर से गुवाहाटी ले जाया जा रहा था माल।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Commercial Tax Department Action : बिना जीएसटी दिए अंपजीकृत व्यापारी द्वारा पान मसाला व जर्दा ले जाते हुए वाणिज्य कर के प्रवर्तन टीम ने पकड़ा था। 82.32 लाख रुपये जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया। वाणिज्यकर के प्रवर्तन दल ने तीन अक्टूबर को ट्रक संख्या यूपी 21 बीएन 9428 की जांच की थी। इसमें रुद्रपुर से गुवाहटी पान मसाला और जर्दा ले जाया जा रहा था। ट्रक चालक के पास 24 सितंबर को जारी ई वे बिल मिला। जांच करने पर पाया कि इस ई वे बिल के द्वारा 26 सितंबर को लखनऊ से दूसरे ट्रक द्वारा माल भेजा गया था। जांच में पकड़े गए ट्रक से पान मसाला और जर्दा अपंजीकृत व्यापारी का था और जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया था। बाद में व्यापारी ने गलती स्वीकार किया। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू अवधेश कुमार ने बताया कि व्यापारी ने 83.32 लाख रुपये का जुर्माना जमा कर दिया है, इसके बाद पकड़े गए पान मसाला व जर्दा को छोड़ दिया है।

भारतीय किसान यूनियन ने उठाई मुआवजे की मांग :  रामपुर में भारतीय किसान यूनियन ने बाढ़ व बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचने का मामला उठाते हुए इसका सर्वे कराकर मुआवजा दिए जाने की मांग की है। इसको लेकर किसानों के द्वारा जिला अधिकारी को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट हेम सिंह को सौंपा गया। जिला अध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में किसान कलक्ट्रेट में पहुंचे। यहां उन्होंने बारिश व बाढ़ से किसानों को हुए भारी नुकसान का मामला उठाया। कहा कि पहले दो दिन की बारिश का पानी खेतों में जमा होने पर उनकी धान इत्यादि की फसलें गीली हो गई। उसके बाद बाढ़ का पानी किसानों की खेती में पहुंचने से सारी फसलें ही नष्ट हो गई। बाढ़ के लिए उन्होंने सिंचाई विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि हर साल बाढ़ से निपटने के लिए शासन स्तर से काफी बजट आता है लेकिन विभाग के द्वारा बाढ़ से बचाव को उचित तैयारी नहीं की जाती। 

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