Civil service exam results : जामिया की लाइब्रेरी बनी माध्यम, नियमित 15 घंटे की पढ़ाई करते थे सम्भल के सैफुल्लाह
15 घंटे तक जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पढ़ने वाले सम्भल के सैफुल्लाह पहले प्रयास में बन गए आइएएस उनके दो साथियों ने भी लहराया परचम।
सम्भल (राघवेंद्र शुक्ल)। जोश व जूनुन सब पर भारी है। ऐसा ही कर दिखाया है सम्भल के दीपा सराय के रहने वाले सैफुल्लाह ने। मन में आइएएस बनने का जूनुन और लक्ष्य तक कर उसे हासिल करने का जज्बा। सपने देखे ही जाते हैं पूरे करने के लिए। सैफुल्लाह ने भी देखा और पूरा किया। आज उन्होंने आइएएस की प्रतिष्ठित सेवा में 623वीं रैक हासिल कर न केवल अपने अम्मी-अब्बू का मान बढ़ाया बल्कि सम्भल को भी एक नई दिशा दे दी है। लक्ष्य को हासिल करने में जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी माध्यम बनी ओर सैफुल्लाह ने इसके जरिए इतिहास रच दिया। खासकर सम्भल के लिए। पहले ही प्रयास में उनका चयन उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचायक है। कहते हैं आइएएस की नौकरी मेरा सपना था, लक्ष्य था और जुनून था। प्रशासनिक व्यवस्था व इसका संचालन करने वालों को नजदीक से देखा। समाज की सेवा करने का इससे सशक्त माध्यम कोई और नहीं हो सकता था। उनके दो साथी भी आइएएस में चयनित हुए।
दीपा सराय के रहने वाले सैफुल्लाह शुरू से ही पढने में होनहार थे। प्राइमरी स्तर की पढ़ाई सेंट अमतुल सम्भल से कर छह से 12 की पढ़ाई बाल विद्या मंदिर से की। 2012 में 68 फीसद नंबर से हाईस्कूुल जबकि 2014 मेंं 96 फीसद अंक के साथ इंटर कर स्कूल टॉप किया। कामर्स के विद्यार्थी रहे सैफुल्लाह ने इसके बाद आइएएस में जाना तय कर लिया था। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध श्री वेंकटेश्वर कालेज से 2014 में बीकाम में प्रवेश लिया और 2017 में बीकॉम पूरा कर डीयू में लॉ में प्रवेश लिया। उस समय जामिया से आइएएस के इंट्रेस के लिए परीक्षा आयोजित की जाती थी। जनवरी 2019 से उन्होंने तैयारी शुरू कर दी। ठंड गर्मी, बरसात सब झेला लेकिन दिनचर्या एक समान रखी। जामिया की लाइब्रेरी में सुबह नौ बजे यह पहुंच जाते थे। यहां पढ़ते थे। रात के 12 बजे के करीब यह वहां से अपने कमरे पर आते थे। 15 घंटे इसी लाइब्रेरी में किताबों के बीच रहते थे। जून 2019 में इन्होंने आइएएस का प्री निकाला और सितंबर में मेंस। फरवरी में इंटरव्यू दिया लेकिन कोरोना ने सब थाम दिया। रिजल्ट रूक गया। और वह अपने घर सम्भल आ गए। पांच माह बाद जब रिजल्ट निकला तो उनकी खुशियां देखते ही बन रही थीं।