लोगों के दो करोड़ रुपये लेकर चिटफंड कंपनी हो गई फरार, थाने में पहुंचे एजेंट, जांच में जुटी पुलिस

Chit fund company absconded कंपनी का दफ्तर खादगुर्जर चौराहे के पास संचालित था। कंपनी ने पैसा दोगुना करने का लालच देकर एजेंटों के माध्यम से रुपये जमा कराए थे। इसके बाद झांसा देकर रुपये लेकर फरार हो गई।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:57 AM (IST)
लोगों के दो करोड़ रुपये लेकर चिटफंड कंपनी हो गई फरार, थाने में पहुंचे एजेंट, जांच में जुटी पुलिस
सुमन ने बताया कि कंपनी में दो करोड़ रुपये जमा किए।

मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। अमरोहा के गजरौला में एक बार फिर से पैसा दोगुना करने के नाम पर दो करोड़ रुपये की ठगी कर चिटफंड कंपनी फरार हो गई। ठगी के शिकार एजेंटों ने थाने में पहुंचकर कंपनी अधिकारियों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

मामला जनहित इंफ्राटाउन प्राइवेट लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी का है। उसका दफ्तर खादगुर्जर चौराहे के पास संचालित था। बताते हैं कि कंपनी ने पैसा दोगुना करने का लालच देकर एजेंटों के माध्यम से पैसा जमा कराया। जिसके बाद एजेंटों ने परिचितों और रिश्तेदारों के रुपये जमा कराए। थाने पहुंचे एजेंट प्रकाश सिंह, देशराज सिंह, अमरीश, देवेंद्र कुमार, लाेकेश, कृष्ण, सुमन ने बताया कि कंपनी में दो करोड़ रुपये जमा किए। जब पैसे वापस मांगे गए तो तीन मार्च-21 को कंपनी के चेयरमैन और सभी डायरेक्टरों ने रकम वापस करने से इन्कार कर दिया। गाली गलौज करते हुए धमकी दी कि पुलिस-प्रशासन से शिकायत की तो जान से मार देंगे। आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने को कई दिन से भटक रहे हैं। लेकिन, पुलिस सुनवाई करने के लिए तैयार नहीं है। बता दें कि पूर्व में भी गजरौला से कई कंपनियां फरार हो चुकी हैं। जिनके मुकदमे भी स्थानीय थाने में दर्ज हैं। थाना प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

इस तरह लोगों को फंसाती थी कंपनी : एजेंटों के मुताबिक लोगों में विश्वास जमाने को कंपनी द्वारा खरीदी गई संपत्तियों को दिखाया जाता था। जिससे ग्राहक और क्षेत्र के लोग यह समझें कि कंपनी इतनी संपत्ति को छोड़कर नहीं भाग सकती। कुछ लोगों को जमीन के हिस्से पर कब्जा भी करा दिया और मेच्युरिटी के समय जमीन के हिस्से का बैनामा कराने का भरोसा दिया। कंपनी अधिकारियों के साथ मिलीभगत रखने वाले लोगों के नाम पर बैनामे भी कराते थे। इससे लोगों में विश्वास और बढ़ता गया। आखिर में चूना लगाकर फरार हो गई।

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