Chaudhary Ajit Singh : मंत्री रहते अजीत सिंह ने सम्भल में वीनश शुगर मिल लगवाने में की थी मदद, किसानों को मिल रहा लाभ
रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह को जाट नेता के अलावा किसान नेता के रूप में भी जाना जाता था। इन्होंने उद्योग मंत्री रहते हुए पूरे प्रदेश की तरह सम्भल जिले के गन्ना किसानों की मुसीबतों को भी कम किया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह को जाट नेता के अलावा किसान नेता के रूप में भी जाना जाता था। इन्होंने उद्योग मंत्री रहते हुए पूरे प्रदेश की तरह सम्भल जिले के गन्ना किसानों की मुसीबतों को भी कम किया था। चन्दौसी क्षेत्र में कोई चीनी मिल नहीं थी। 1989 में यह उद्योग मंत्री थे। ऐसे में मझावली चीनी मिल लगवाने के लिए इन्होंने लाइसेंस दिलवाने में काफी मदद की थी और जब चीनी मिल शुरू हो गया तब गन्ना किसानों को इस चीनी मिल का काफी लाभ हुआ था।
वर्ष 1989 में केंद्र में जनता दल की सरकार थी। उस समय चौधरी अजीत सिंह को उद्योग मंत्री बनाया गया था। उस समय सबसे ज्यादा दिक्कत किसानों को गन्ना डालने को लेकर होती थी। इससे सम्भल जिला भी अछूता नहीं था। अगर बात सम्भल तहसील क्षेत्र की करें तो यहां पर कोई चीनी मिल नहीं थी। चन्दौसी क्षेत्र के किसानों को भी गन्ना डालने के लिए बिलारी जाना होता था। इसी समस्या को देखते हुए चौधरी अजीत सिंह ने प्रदेश में चीनी मिल लगवाने के उद्देश्य से चीनी मिल संचालकों को लाइसेंस दिलवाने में काफी मदद की। उनके प्रयास के बाद ही सम्भल जिले में वीनश शुगर मिल व असमोली चीनी मिल शुरू हो सकी। उसके बाद किसानों को गन्ना डालने में आसानी हो गई और यही नतीजा है कि यहां के किसान अब गन्ने की खेती को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।