मुरादाबाद की माटी में उपजा काजू और बादाम,मनोहरपुर का कृषि प्रशिक्षण केंद्र बना नजीर Moradabad News
यूपी का पहला कृषि प्रशिक्षण केंद्र बना मनोहरपुर। केंद्र के काजू और बादाम के पौधों में आया फल। हर ओर हो रही मनोहरपुर स्थित कृषि प्रशिक्षण केंद्र की तारीफ।
मुरादाबाद (मोहन राव) । अब उत्तर प्रदेश के किसान अपने खेतों में काजू और बादाम पैदा कर सकेंगे। यहां के मनोहरपुर स्थित कृषि प्रशिक्षण केंद्र में तीन साल इंतजार के बाद काजू और बादाम के पौधे पर फल आए हैं। सब कुछ ठीक रहा तो माह बाद काजू और बादाम खाने लायक हो जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में इसकी खेती से राज्य के किसानों की तकदीर बदल सकती है। केंद्र के फल पकने के बाद काजू और बादाम को नाम दिया जायेगा। जबकि यहां दो एकड़ जमीन में काजू और बादाम की नर्सरी तैयार की जाएगी। प्रशिक्षण केंद्र पौधों की बिक्री करेगा। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से काजू और जम्मू स्थित सरकारी नर्सरी से बादाम का एक-एक पौधा लाकर 2017 में कृषि प्रशिक्षण केंद्र में लगाया गया था, जिस पर अब फल आ गए हैं।
20 से 30 डिग्री में पौधे में निकलता है फल
काजू और बदाम का फल 20 से 30 डिग्री तापमान में पौधे से फल निकलता है। यहां का तापमान अधिक होने के कारण मनोहरपुर में काजू और बादाम के पौधों पर दोपहर और शाम को पानी का छिड़काव कराया जाता है। बलुई और दोमट मिट्टी में दोनों पौधे तैयार होते है।
पौध लगाने में किया यह प्रयोग
काजू और बादाम के पौधों को लगाने के लिए केचुआ खाद, जीवा मृत, घन जीवा मृत और हड्डी की खाद का प्रयोग किया। तापमान सही रखने के लिये पौधे की जड़ और पत्तियों पर निरंतर पानी का छिड़काव किया गया। इनमें मार्च-अप्रैल माह में फल आते हैं। लेयङ्क्षरग और क्राङ्क्षफ्टग विधि से पौधे तैयार होंगे। काजू के तने को गांठ वाली जगह का छिलका हटाकर मॉस घास प्लास्टिक की पन्नी से लपेट देते हैं। 40-50 दिन बाद जड़ निकल आती है तो पौधे को अलग कर दूसरी जगह लगा देंगे।
प्रदेश में 20 कृषि प्रशिक्षण केंद्र है, जिसमे यह केंद्र है जहां काजू और बादाम के पौधे में फल आया है। बादाम का पौधा तो काफी लोगों ने घरों पर लगाये होंगे लेकिन, अभी फल तैयार होने की जानकारी नही है। काजू भी पहली बार तैयार हुआ है। यह हमारे लिए उपलब्धि है, पकने के बाद नर्सरी लगाने का कार्य शुरू होगा।
डॉ. दीपक मेंदीरत्ता
निदेशक कृषि प्रशिक्षण केंद्र, मनोहरपुर