बाजार में ब्रांड की मजबूती से बढ़ेगा कारोबार, मुरादाबाद में हुआ जागरूकता कार्यक्रम

Council for Export Promotion of Handicrafts अंतरराष्ट्रीय व्यापार और दुनिया भर के बाजारों में हस्तशिल्प उत्पादों की प्रभावी स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि मार्केट पोजिशनिंग का उद्देश्य किसी ब्रांड या उत्पाद की छवि या पहचान स्थापित करना है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 03:40 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 03:40 PM (IST)
बाजार में ब्रांड की मजबूती से बढ़ेगा कारोबार, मुरादाबाद में हुआ जागरूकता कार्यक्रम
उत्पादों के प्रभावी पोजिशनिंग के बारे में जानकारी दी गई।

मुरादाबाद, जेएनएन। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उत्पादों के प्रभावी पोजिशनिंग के बारे में जानकारी दी गई।

वेबिनार में इस जागरूकता सत्र में ईपीसीएच अध्यक्ष रवि के पासी, ईपीसीएच उपाध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा और जाने माने निर्यातकों के साथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आइआइएफ़टी) के वरिष्ठ प्रो. (डॉ.) राम सिंह वेबिनार के प्रमुख संकाय के रूप में मौजूद थे। इस दौरान प्रो. (डॉ.) राम सिंह ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और दुनिया भर के बाजारों में हस्तशिल्प उत्पादों की प्रभावी स्थिति के बारे में जानकारी दी। प्रो. (डॉ.) राम सिंह ने बताया कि मार्केट पोजिशनिंग का उद्देश्य किसी ब्रांड या उत्पाद की छवि या पहचान स्थापित करना है। ताकि उपभोक्ता इसे एक निश्चित तरीके से याद रखें, जैसे कि- हैंडबैग बनाने वाले इसे समृद्धि की प्रतिष्ठा के प्रतीक (लग्जरी स्टेटस सिंबल) के रूप में स्थापित करते हैं तो टीवी उत्पादक अपनी टीवी को सबसे नया और अत्याधुनिक बताते हैं। ईपीसीएच के महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि प्रो. राम सिंह ने हस्तशिल्प निर्यातकों को उनके उत्पादों को टारगेट देश के उपभोक्ताओं की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनके (उपभोक्ताओं के) पसंद के मुताबिक पोजिशन करने के लिए प्रेरित किया। ईपीसीएच निर्यातकों के सहयोग के लिए समय-समय पर इस प्रकार की वर्कशॉप आयोजित करता है। 

chat bot
आपका साथी