हेलीकाप्टर से चलीं थीं गोलियां, अमरोहा में तीन घरों में कई दिन नहीं जला था चूल्हा

गोली कांड के करीब सप्ताह भर बाद तीनों लोग अलग-अगल दिवसों में पहुंचे थे तब घरों पर चूल्हे जले थे। बहरहाल आज सभी खुश हैं। घरों पर दीपावली जैसा माहौल बना है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 12:51 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 12:51 PM (IST)
हेलीकाप्टर से चलीं थीं  गोलियां, अमरोहा में तीन घरों में कई दिन नहीं जला था चूल्हा
हेलीकाप्टर से चलीं थीं गोलियां, अमरोहा में तीन घरों में कई दिन नहीं जला था चूल्हा

अमरोहा, जेएनएन। 1990 के दौर की वो कार सेवा आज भी याद है, जिसमें भाग लेने के लिए औद्योगिक नगरी गजरौला से भी तीन लोग अयोध्या गए थे। वहां हेलीकाप्टर से गोलियां चलीं थीं। नीचे मौजूद पुलिस बल ने भी वहां पहुंचे कार सेवकों पर बल प्रयोग किया था। कार सेवा में हिस्सा लेने वाले गजरौला के तीनों लोगों से उनके परिवार के लोगों का संपर्क नहीं हो पा रहा था। उनके बारे में कोई सूचना भी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में घरों पर मातम छाने जैसा माहौल छा गया। अनहोनी की आशंका में कई दिनों तक इन तीनों कार सेवकों के घरों पर चूल्हे तक नहीं जले थे। आज इनके घरों पर खुशी का माहौल है।

यह तीनों कार सेवक विनोद कुमार ऊर्फ हीरा लाल, सुभाष चंद्र शर्मा व डॉ अनित रस्तौगी है। शहर के मुहल्ला बस्ती निवासी सुभाष चंद्र शर्मा व विनोद कुमार ऊर्फ हीरा लाल व टीचर्स कालोनी निवासी डॉ. अनित रस्तौगी यहां से एक साथ रवाना हुए थे। कभी ट्रेन, कभी ट्रक तो कभी बस व पैदल यात्रा कर लखनऊ-फैजाबाद होकर अयोध्या तक पहुंच पाए थे।

विश्वास नहीं डगमगाया

डॉ रस्तौगी ने बताया कि बीच रास्ते पुलिस की चेकिग व सख्ती के चलते तीनों एक-दूसरे से बिछड़ गए थे, लेकिन भगवान राम के कार्य से घरों से निकले थे, इसलिए तमाम रुकावटें खुद ब खुद बौनी पड़ रहीं थीं और वह अपनी मंजिलकी तरफ आगे बढ़ते जा रहे थे। गर्भगृह पहुंचने पर एक दम माहौल बदल गया। सेना के हेलीकाप्टर से गोलियां बरसायीं गईं। नीचे हजारों की संख्या में मौजूद पुलिस बल ने भी आंसू गैस के गोले दागे व फायरिग की थी, लेकिन उनका विश्वास नहीं डगमगाया।

 मंदिर निर्माण को लेकर जुनून 

संघ से जुडे योगेंद्र कुमार उर्फ बंटू ने बताया उस दौरान वह बीकॉम कर रहे थे, लेकिन मंदिर निर्माण को लेकर उनमें भी जुनून था। वह कार सेवा में तो नहीं गए थे, लेकिन स्थानीय स्तर पर मंदिर निर्माण की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन व पुतला दहन खूब करते थे। जब अयोध्या में गोली कांड हुआ तब गजरौला से कार सेवा में भाग लेने वाले विनोद कुमार ऊर्फ हीरा लाल, सुभाष चंद्र शर्मा व डॉ अनित रस्तौगी के बारे में कोई सूचना नहीं मिली थी, तब यहां तीनों के परिवारों के लोग खासे परेशान हो गए। उनके यहां चूल्हे जलना बंद हो गए। परिवार के लोगों ने खाना तक छोड़ दिया था। इधर शासन के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन सख्ती बरतने पर तुला हुआ था। 

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