नौ माह बाद दूल्हे के लिए बग्गी तैयार, बैंडबाजे वालों में खुशी अपार

मुरादाबाद फरवरी के बाद पहली बार बग्गी पर दूल्हा बैठेगा। इसको लेकर बैंडबाजे वालों में ख

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 02:05 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 02:05 AM (IST)
नौ माह बाद दूल्हे के लिए बग्गी तैयार, बैंडबाजे वालों में खुशी अपार
नौ माह बाद दूल्हे के लिए बग्गी तैयार, बैंडबाजे वालों में खुशी अपार

मुरादाबाद : फरवरी के बाद पहली बार बग्गी पर दूल्हा बैठेगा। इसको लेकर बैंडबाजे वालों में खुशी की लहर है। बैंडबाजा कारोबारियों के चेहरे पर खुशी है। यह खुशी तब और बढ़ गई जब स्पष्ट हो गया कि बैंडबाजा पर रोक नहीं है। शहर में करीब 150 बैंड कारोबारी हैं और इनमें 90 फीसद किराए की दुकानों में बैंड का कारोबार कर रहे हैं। मार्च से 24 नवंबर तक खाली बैठे बैंडबाजा कारोबारियों की मानें तो अब तक करीब 50 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। 150 कारोबारियों से 2000 लोग जुड़े हैं, जो बैंड, ढोल बजाने व लाइट वाले हैं। मार्च से सहालग का इंतजार कर रहे थे। लॉकडाउन में शादियां बिना बैंड बाजे के 20 लोगों की उपस्थति में हुई थीं। जिससे बैंडबाजा संचालकों के साथ जुड़े श्रमिकों का काम बंद होने पर किसी ने सब्जी तो किसी ने मजदूरी शुरू कर दी थी, लेकिन बैंडबाजा स्वामी सहालग के इंतजार में खाली दुकानें खोले बैठे रहे। अब 25 नवंबर को जाकर उन्हें खुशी मिली है। पहली बार बुग्गी पर दूल्हा बैठेगा। बहुत खुशी है कि बैंडबाजा कारोबारियों में, क्योंकि देव उठान एकादशी पर बुकिग मिली है। बस बरात चढ़त के दौरान पुलिस उत्पीड़न न करे।

मास्टर रज्जन कोरोना के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रहे बैंड बाजा कारोबारियों के लिए देव उठान शुभ घड़ी है। लेकिन, मायूसी भी है कि इस बार सहालग 11 दिसंबर तक ही है।

खलील अहमद शादी का सीजन आया है। कारोबारियों के लिए खुशी लाया है। कोरोना के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे कारोबारियों को अब कुछ राहत मिलेगी।

सरबर हुैसन देव उठान से लेकर 11 दिसंबर तक मुहूर्त हैं। इस बीच ही कुछ कमाई हो सकती है। 12 नवंबर के बाद फिर चार महीने तक कोई मुहूर्त न होने से मायूसी है।

अकील

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