परिवहन विभाग की तकनीकी चूक से दलाल हो रहे मालामाल
कोविड गाइडलाइन के तहत किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्रित करने की रोक है। इसी नियम के तहत परिवहन विभाग ने प्रत्येक जिले में प्रतिदिन दो सौ ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के आदेश दिए है। प्रत्येक दिन इतने ही व्यक्ति नया ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का आवेदन कर सकते हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। परिवहन विभाग की तकनीकी चूक से दलाल मालामाल हो रहे हैं। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए रात में सर्वर खुलता है तो दो घंटे में बंद भी हो जाता है। इसका लाभ दलाल उठा रहे है।
कोविड गाइडलाइन के तहत किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्रित करने की रोक है। इसी नियम के तहत परिवहन विभाग ने प्रत्येक जिले में प्रतिदिन दो सौ ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के आदेश दिए है। प्रत्येक दिन इतने ही व्यक्ति नया ड्राइविंग लाइसेंस बनाने या नवीनीकरण का आवेदन कर सकते हैं। परिवहन विभाग रात एक बजे आवेदन के लिए सिस्टम को खोलता है। सिस्टम खुलते ही दलाल आवेदन करने का साथ शुल्क जमा कर देता है। दो घंटे में दो सौ आवेदन हो जातेे हैंं और सिस्टम आवेदन लेना बंद कर देता है। जिसके आवेदन स्वीकार हो जाते हैं उसे बायोमैट्रिक कराने व आनलाइन परीक्षा के लिए तारीख दिया जाता है। बता देंं कि सामान्य दिनाेें में प्रत्येक दिन पांच से छह सौ व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस बनाने व नवीनीकरण के लिए परिवहन विभाग पहुंचते हैं। परिवहन विभाग की इस तकनीकी चूक के कारण आम लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने व नवीनीकरण के लिए रात भर नहीं जग सकता है। इसका लाभ दलाल उठाता है और आवेदन करने के लिए मनमानी कीमत की वसूली करता है। बायोमैट्रिक कराने में कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन विभागीय परीक्षा पास करने के पर नाम कर्मचारी भाव मोल करता है। आवेदन करने वाले एक नहीं दो-दो बार लूटता है। तब ड्राइविंग लाइसेंस बन पाता है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) छवि सिंह ने बताया कि कोराना के कारण ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन करने व बनाने की व्यवस्था किया गया है। प्रतिदिन दो सौ आवेदन लिए जाते हैं और इतने के ड्राइविंग लाइसेंस बनाए व नवीनीकरण किया जाते है। रात एक बजे आवेदन के लिए सिस्टम खुलता है और दो सौ आवेदन होते ही सिस्टम स्वत: बंद हो जाता है। इसके कारण आवेदन करने वालों को परेशानी होता है।