Bharat Bandh Impact : मुरादाबाद- हरिद्वार मार्ग पर गरजे किसान, कहा-झूठा आश्वासन देना बंद करे सरकार
Bharat Bandh Impact मुरादाबाद में भी किसानों ने प्रदर्शन कर मांगोंं को लेकर आवाज बुलंद की। कहा कि सरकार ने जो गन्ने का भाव बढ़ाया है वह एक तरह से ऊंट के मुंह में जीरा है। यह फैसला किसानों को ज्यादा राहत देने वाला नहीं है।
मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। Bharat Bandh Impact : जिले के अगवानपुर में भाकियू असली ने भारत बंद के तहत मुरादाबाद-हरिद्वार मार्ग पर जाम लगाकर सरकार पर किसानों का शोषण करने व बढ़ती मंहगाई के विरोध में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। इस दौरान राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन एसीएम व पुलिस क्षेत्राधिकारी को सौंपा है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर आज भारतीय किसान यूनियन असली के मंडल उपाध्यक्ष लालबहादुर सिंह के नेतृत्व में किसान मुरादाबाद हरिद्वार सेरुवा चौराहे पर एकत्रित हुए और 12 बजे मुरादाबाद हरिद्वार हाईवे पर जाम लगा दिया। इस दौरान किसान नेता लालबहादुर सिंह ने कहा कि दस माह से किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार सुनने को तैयार नहीं है। जब तक उसे वापस नहीं लिया जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा । यही नहीं उन्होंने कहा डीजल, पेट्रोल, खाद, बीज और रसोई गैस आदि के बढ़ते दामों से किसान ही नहीं आम जनता परेशान है। सरकार ने जो गन्ने का भाव बढ़ाया है वह एक तरह से ऊंट के मुंह में जीरा है। किसान इससे बिल्कुल भी खुश नहीं हैं क्योंकि पहली बार सरकार ने गन्ने का मूल्य घोषित किया है वह भी बहुत कम है । जबकि जिला अध्यक्ष समरपाल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है । सरकार की सारी नितियां किसान विरोधी हैं। इससे किसान ऊब चुका है। इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। अब किसान सरकार के किसी भी झूठे आश्वासन में आने वाले नहीं है। जब तक सरकार अपने काले कानून वापस नहीं ले लेती और एमएसपी पर कानून नहीं बनाती तब तक किसान घर नहीं बैठेगा। आने वाले दिनों में किसान सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार है। इस दौरान भाकियू नेताओं ने मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। करीब एक घंटे जाम लगा रहा। सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लाइनें लग गई थीं। इस दौरान जिला अध्यक्ष समरपाल सिंह, मंडल उपाध्यक्ष लालबहादुर सिंह, वेदराज सिंह, इब्राहीम, प्रदीप छिल्लर, महीपाल सिंह, मोविन अहमद, हाजी पुत्तन, वीर सिंह, जगत सिंह, बिजेंद्र सिंह, सुखवीर सिंह, सरदार सर्वेंद्र सिंह, धर्मवीर सिंह, अरविंद सिंह, प्रेमपाल सिंह आदि किसान मौजूद थे।