Ayodhya Ram Mandir : पुलिस को चकमा देकर अयोध्या जाते थे मुरादाबाद के कार सेवक
Ayodhya Ram Mandir राजेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि पांच अगस्त को श्री राम जन्म भूमि का पूजन हो रहा है। हमारे संघर्ष का परिणाम अब सिद्ध होने जा रहा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। लाजपतनगर निवासी एवं व्यापारी राजेंद्र अग्रवाल ने भी श्री राम जन्म भूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। राजेंद्र अग्रवाल स्मरण करते हुए बताते हैं कि जब राम जन्म भूमि का आंदोलन चल रहा था, तब मैं एक बस भरकर कारसेवकों को अयोध्या लेकर गया था। कारसेवकों में शकुंतला सिक्का, शिव शंकर बंसल, सतीश नरूला, सुबोध अग्रवाल समेत पूरी बस भरी थी लेकिन, अयोध्या में प्रवेश करते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। निजी मुचलके भरवाकर हमें दूर ले जाकर छोड़ दिया। गिरफ्तारी का सिलसिला यहीं बंद नहीं हुआ। मुरादाबाद में पुलिस कार सेवकों की गिरफ्तारी को दबिश देती थी। उन्हें घर से उठाया जा रहा था।
पूर्व शिक्षा मंत्री नेपाल ङ्क्षसह, रामकुमार अग्रवाल, संत कुमार ङ्क्षसघल जैसे नेता प्रथम पंक्ति के कारसेवकों में गिने जाते थे, उनको भी गिरफ्तार करके रामपुर की जेल भेजा गया था। तब कार सेवकों के जत्थे भेजने शुरू हुए थे। उस समय मैं भाजपा का महामंत्री था। मैंने आठ जत्थे, भिजवाए। तब एसपी सिटी एपी माहेश्वरी थे। वह इस बात से परेशान थे कि चकमा देकर अयोध्या जा रहे कारसेवकों को कैसे रोका जाए। हम जत्था जाने की सूचना कहीं से जाने की प्रकाशित कराते थे और रवानी कहीं और से करते थे। यह सिलसिला दस दिन तक चलता रहा और पुलिस परेशान होती रही। योजना लाजपतनगर में मेरे के नजदीक खंडहर में बनती थी। आसपास के लोग चाय, भोजना, नाश्ता भेजते थे। पुलिस ने हिरासत में ले लिया तब सतीश नरूला भी साथ थे। 13 दिन तक अस्थायी जेल पॉलिटेक्निक में रहे थे। पुलिस की दबिश के कारण करीब एक माह घर पर नहीं सोए थे।