जिला अस्पताल में लावारिसों का सहारा बने अरविद
मुरादाबाद जिला अस्पताल के वार्ड ब्वॉय अरविंद कुमार भारद्वाज कोरोना काल में लावारिस मरीजों का सह
मुरादाबाद : जिला अस्पताल के वार्ड ब्वॉय अरविंद कुमार भारद्वाज कोरोना काल में लावारिस मरीजों का सहारा बन गए। लगातार बढ़ते संक्रमण के डर से जब उनके साथी इमरजेंसी से रात की ड्यूटी कटवा रहे थे, तब अरविंद ने आगे आकर जिम्मेदारी उठाई। लॉकडाउन में सड़क किनारे पड़े लावारिसों को एंबुलेंस चालक भर्ती कराने के बाद लौट जाते और अरविंद उनकी देखभाल में जुट जाते। दवा से लेकर खाने तक का ध्यान रखते। मरीजों की सेवा करते-करते 29 जून को वे भी संक्रमित हो गए लेकिन, 10 जुलाई को ठीक होते ही दो दिन बाद फिर ड्यूटी पर पहुंच गए।
15 जुलाई को मनोकामना मंदिर के पास से एक व्यक्ति को गंभीर हालत में एंबुलेंस चालक ने भर्ती कराया था। उसके परिवार का कोई नहीं था। मरीज को रैन बसेरे में बेड दिया गया। यहां भी अरविंद ने लगातार उसकी सेवा की। 10 दिन के इलाज के बाद मरीज चलने-फिरने की स्थिति में आ गया तो उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
भोजन बांटते समय भीड़ से घिर जाते थे जेई किशन लाल
जासं, मुरादाबाद : कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर जेई किशनलाल ने गरीबों व भिखारियों को तीन महीने तक भोजन बांटा। कोरोना काल में जब दूसरे लोग दो गज की दूरी बनाकर भीड़ से बचने की कोशिश कर रहे थे, तब जेई किशन लाल भोजन बांटते समय गरीबों से घिर जाते। 24 मार्च से 24 जून तक उन्होंने भोजन के पैकेट बांटे। रेलवे स्टेशन, रोडवेज, आश्रय स्थल, शेल्टर होम, चौराहे, बुधबाजार समेत तमाम क्षेत्रों में घूमे। सुबह 800 व शाम को 700 पैकेट उन्होंने तीन महीने तक बांटे। कोरोना वारियर्स की भूमिका निभाने वाले जेई किशन लाल के कार्यों से नगर निगम के अफसर भी प्रभावित हैं। जेई किशन लाल ने करीब एक लाख 11 हजार भोजन के पैकेट बांटे थे।