आजम खां की अग्रिम जमानत पर आज फिर होगी सुनवाई Rampur news
जिला सहकारी विकास संघ (डीसीडीएफ) की दुकानों के मामले में सांसद आजम खां की अग्रिम जमानत पर कोई फैसला नहीं हो सका।
रामपुर : जिला सहकारी विकास संघ (डीसीडीएफ) की दुकानों के मामले में सांसद आजम खां की अग्रिम जमानत पर कोई फैसला नहीं हो सका। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने को सांसद ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। बुधवार को याचिका पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष और अभियोजन के अधिवक्ताओं ने बहस भी की। जिला शासकीय अधिवक्ता दलङ्क्षवदर ङ्क्षसह डंपी ने बताया कि कोर्ट 23 अक्टूबर को फिर सुनवाई करेगी।
यह है मामला
डीसीडीएफ की रेलवे स्टेशन रोड स्थित दुकानों पर पहले क्वालिटी बार हुआ करता था। बार का संचालन बीपी कालोनी निवासी गगन लाल अरोरा पुत्र हरनारायन द्वारा किया जाता था। बार मालिक ने करीब एक माह पहले सिविल लाइंस कोतवाली में जबरन दुकान में घुसकर तोडफ़ोड़ करने और लूटपाट की धारा में सांसद व अन्य के खिलाफ मुकदमा कराया था। आरोप था कि वर्ष 2013 में प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खां तब मंत्री थे। 13 फरवरी 2013 को आजम खां के साथ सेवानिवृत सीओ आले हसन खां (तब सिविल लाइंस थाना प्रभारी थे), जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन चेयरमैन मास्टर जाफर और संघ के सचिव कामिल खां दुकान पर आए। उनके साथ सिविल लाइंस थाने की फोर्स भी थी। उन्होंने आते ही दुकान का सामान फेंकना शुरू कर दिया। पूछने पर कहने लगे कि यह दुकान सांसद आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा के नाम आवंटित होनी है। इसे खाली कर दो। इसके बाद आरोपितों ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए दुकान जबरन खाली करा ली। दुकान का सामान सड़क पर फेंक दिया। इससे उनका करीब दो लाख रुपये का नुकसान हो गया। दुकान के गल्ले में रखे 16500 रुपये भी लूट ले गए। बाद में पता चला कि डीसीडीएफ ने उन्हें बेदखल कर दुकान सांसद की पत्नी के नाम आवंटित कर दी है।
जौहर यूनिवर्सिटी गेट मामले में अब सात को होगी सुनवाई
जौहर यूनिवर्सिटी गेट प्रकरण में अधिवक्ता द्वारा समय मांगने पर सुनवाई टल गई। अब कोर्ट सात नवंबर को सुनवाई करेगी। उप जिलाधिकारी सदर ने यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट को अवैध मानते हुए इसे तोडऩे के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद सांसद आजम खां ने जिला जज के न्यायालय में याचिका दायर की थी। इससे पहले सांसद हाईकोर्ट भी गए थे लेकिन, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए सेशन कोर्ट जाने की छूट दे दी थी। अब इस मामले में सेशन कोर्ट में सुनवाई चल रही है। मंगलवार को भी सुनवाई होनी थी। शासकीय अधिवक्ता सिविल राजीव अग्रवाल ने बताया यूनिवर्सिटी के वकीलों की ओर से समय मांगा गया था। कोर्ट अब सात नवंबर को सुनवाई करेगी।