सांसद आजम खां को एक और झटका, शासन ने लोकतंत्र सेनानी पेंशन भी रोकी
आजम खां 1975 में आपातकाल के दौरान जेल में रहे थे। इसीलिए उन्हे यह पेंशन दी जा रही थी। अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि जिले में आजम खां समेत तीन लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन रोकी गई।
मुरादाबाद, जेएनएन। कानूनी शिकंजे में फंसे सांसद आजम खां की लोकतंत्र सेनानी पेंशन भी रोक दी गई है। उन्हें यह पेंशन 2005 से मिल रही थी। जिले में अब केवल 35 लोकतंत्र सेनानियों को ही पेंशन दी जा रही है।
आजम खां के खिलाफ 2019 में बड़े पैमाने पर मुकदमे दर्ज हुए। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के 26 मुकदमे किसानों ने दर्ज कराए। प्रशासन ने भी कब्जा करने के मुकदमे लिखवाए। घोसियान बस्ती में मकानों को तुड़वाने और जमीन कब्जाने के 12 मुकदमे भी लिखे गए। प्रशासन ने उन्हेंं भूमाफिया भी घोषित कर दिया। अब उनके खिलाफ 85 मुकदमे अदालतों में विचाराधीन है। सालभर से वह जेल में बंद हैं। उनकी लोकतंत्र सेनानी पेंशन भी रोक दी गई है। आजम खां 1975 में आपातकाल के दौरान जेल में रहे थे। इसीलिए उन्हे यह पेंशन दी जा रही थी। अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि जिले में आजम खां समेत तीन लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन रोकी गई। जिले में इस समय 35 लोगों को लोकतंत्र सेनानी पेंशन मिल रही है। इसमें हर माह 20 हजार रुपये मिलते हैं।
आजम के रिसोर्ट से भी वसूला जाए लेबर सेस
भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने सांसद आजम खां की पत्नी और बेटों के हमसफर रिसोर्ट से भी लेबर सेस वसूलने की मांग की है। जिलाधिकारी को दिए पत्र में कहा है कि आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी से 1.36 करोड़ रुपये लेबर सेस वसूला गया है। अर्थदंड भी वसूला जाए। उनका कहना है कि वर्ष 2015 में 20 करोड़ लेबर सेस निर्धारित किया था, लेकिन बाद में कम कर दिया गया। उन्होंने कहा है कि हमसफर रिसोर्ट से भी लेबर सेस वसूला जाए।