मुरादाबाद के नाम एक और बड़ी उपलब्धि, शहर के लक्ष्‍य ने बनाया स्क्वायर बोलने का नेशनल रिकॉर्ड

मुरादाबाद के लक्ष्‍य ने शहर को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। उन्‍होंने कम समय में सबसे ज्‍यादा वर्ग बोलने का रिकार्ड अपने नाम किया है। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार के लोग फूले नहीं समा रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 12:41 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 12:41 PM (IST)
मुरादाबाद के नाम एक और बड़ी उपलब्धि, शहर के लक्ष्‍य ने बनाया स्क्वायर बोलने का नेशनल रिकॉर्ड
स्क्वायर बोलने में नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाले लक्ष्‍य प्रमाण पत्र के साथ।

मुरादाबाद। मुरादाबाद के हिस्से शनिवार को एक और उपलब्धि जुड़ गई है। बुद्धि विहार के रहने वाले लक्ष्य अग्रवाल ने नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर एक मिनट 14 सेंकेंड में एक से सौ तक स्क्वायर बोलने का रिकॉर्ड बनाया है। इसके लिए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से सम्मानित किया गया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड एक मिनट 28 सेकेंड का था। लक्ष्य अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं।

दिल्ली पब्लिक स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा पूरी करने के बाद लक्ष्य अग्रवाल ने एसआरएम विश्वविद्यालय से बीटेक किया है। एक साल आइटी कंपनी में कम्प्यूटर इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद अब वे अपने पिता विशाल अग्रवाल के साथ एक्सपोर्ट के बिजनेस से जुड़ गए हैं। वह बताते हैं कि उन्होंने इस प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इसके लिए उन्हें आंखों पर पट्टी बांध कर एक से सौ तक के स्क्वायर बोलने थे। पहले यह रिकॉर्ड 1 मिनट 28 सेकेंड का था, जिसे उन्होंने 1 मिनट 14 सेकेंड में ही पूरा कर लिया। अब वे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक बन गए हैं।

अभ्‍यास ने दिलाया मुकाम 

दरअसल लक्ष्‍य तो पहले से ही स्क्वायर (वर्ग )बोलने में दक्ष थे, इसलिए उन्‍हें र‍िकार्ड तोड़ने के लिए ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। इसके ल‍िए ज्‍यादा अतिरक्ति समय भी नहीं देना पड़ा। यह उपलब्धि हासिल कर वह फूले नहीं समा रहे हैंं। उन्‍होंने बताया कि किसी भी नेशनल लेवल की परीक्षा में शामिल होने और नेशनल रिकार्ड अपने नाम करना बड़ी बात है। पहले से ही वर्ग बोलने में रुचि रही है। इसलिए ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। हालांकि थोड़ा अभ्‍यास में निखार जरूर लाना पड़ा। वहीं नेशनल रिकार्ड बनाने के बाद उनके पास बधाई देने वालों के फोन आने शुरू हो गए। उनके आवास पर भी कुछ शुभचिंतक बधाई देने के लिए पहुंचे। 

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