कोरोना टीके से नहीं हार्ट अटैक से हुई थी मुरादाबाद ज‍िला अस्‍पताल के वार्ड ब्‍वॉय की मौत, पोस्‍टमार्टम में सामने आई सच्‍चाई

मुरादाबाद ज‍िला अस्‍पताल के एक वार्ड ब्‍वॉय की हालत ब‍िगड़ गई। स्‍वजन एंबुलेंस के ल‍िए फोन करते रहे लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। बाद में मरीज की मौत हो गई। स्‍वजनों ने आरोप लगाया था क‍ि कोरोना टीके की वजह से मौत हुई है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 06:58 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 11:30 AM (IST)
कोरोना टीके से नहीं हार्ट अटैक से हुई थी मुरादाबाद ज‍िला अस्‍पताल के वार्ड ब्‍वॉय की मौत, पोस्‍टमार्टम में सामने आई सच्‍चाई
दस म‍िनट के रास्‍ते के ल‍िए पांच म‍िनट तक करते रहे पूछताछ।

मुरादाबाद, जेएनएन। Death of Ward Boy of Moradabad District Hospital। ज‍िला अस्‍पताल के वार्ड ब्‍वॉय की मौत कोरोना टीकाकरण से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई थी। शव के पोस्‍टमार्टम र‍िपोर्ट में पूरी सच्‍चाई सामने आ चुकी है। दरअसल स्‍वजनों का कहना था क‍ि कोरोना का टीका लगने के बाद हालत ब‍िगड़ी थी। इस पर उन्‍होंने एंबुलेंस के ल‍िए फोन क‍िया था। लेक‍िन मरीज की हालत बताने के बाद भी एड्रेस ही पूछा जाता रहा। मरीज के बेहोश होने पर उसे स्‍वजन ऑटो से अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सक ने मरीज को मृत घोषित कर दिया। यह घटना शहर में तब सुर्खियों में आ गई जब स्‍वजन खुलकर कोरोना टीके की वजह से वार्ड ब्‍वॉय की मौत होने का आरोप लगाने लगे। 

सोमवार की सुबह हुआ शव का पोस्‍टमार्टम 

सोमवार की तड़के चार बजे वार्ड ब्‍वॉय के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमसी गर्ग, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ दीपक वर्मा पोस्टमार्टम हाउस पहुच गए। डॉ शशि भूषण, डॉ आरपी मिश्रा, डॉ निर्मल ओझा की टीम ने पोस्टमार्टम किया। वार्ड ब्‍वॉय की हार्ट अटैक से मौत होने की पुष्टि हुई। बुखार नहीं था, फेफड़ों में पस पाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमसी गर्ग ने बताया कि तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया है। हार्ट अटैक की वजह से वार्ड ब्‍वॉय की मौत हुई है। कोरोना वैक्सीनेशन की वजह से मौत नहीं हुई है।

500 ग्राम का न‍िकला वार्ड ब्‍वॉय का हार्ट 

पोस्‍टमार्टम र‍िपोर्ट में एक ओर चौंकाने वाला सच सामने आया है। च‍िक‍ित्‍सकों के मुताब‍िक सामान्‍य मनुष्‍य का हार्ट 800 ग्राम का हार्ट होता है लेकिन वार्ड ब्‍वॉय का द‍िल 500 ग्राम का निकला। इसका कारण क्‍या है, यह जांच का व‍िषय है। 

अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को नहीं हुई कोई द‍िक्‍कत 

दरअसल जिस बॉयल से वार्ड ब्‍वॉय को कोरोना वैक्सीन दी गई थी। उसी बॉयल से अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों का भी टीकाकरण क‍िया गया था। टीके से वार्ड ब्‍वॉय की मौत के आरोप से स्‍वास्‍थ्‍य महकमे में खलबली मच गई थी। जांच की गई तो टीका लगवाने वाले अन्‍य कर्मी पूरी तरह स्‍वस्‍थ पाए गए। 

यह है पूरा मामला 

जिला अस्पताल के वार्ड ब्‍वॉय महिपाल की हालत बिगड़ी तो उनके दामाद सचिन कुमार ने 108 पर कॉल लगाई। लखनऊ में कंट्रोल रूम पर बैठे कर्मचारी ने मरीज की हालत बताने के बाद भी इमरजेंसी समझने के बजाय उससे सवाल करते रहे। स्‍वजनों ने मरीज की हालत बिगड़ती देखी तो वे उसे ऑटो से लेकर ही अस्पताल पहुंच गए थे। इस दौरान कंट्रोल रूम से वापस कोई कॉल नहीं आई। वार्ड ब्‍वॉय के दामाद ने बताया कि कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी सिर्फ एड्रेस ही कंफर्म करता रहा। एंबुलेंस जिला कोआर्डिनेटर अमित कुमार ने बताया कि कंट्रोल रूम में मरीज की जानकारी करने के बाद ही एंबुलेंस भेजी जाती है। इस प्रक्रिया की वजह से देरी हुई होगी। वहीं स्‍वजनों ने आरोप लगाया था क‍ि ज‍िले में पहले द‍िन के टीकाकरण के दौरान मह‍िपाल को भी कोरोना का टीका लगाया गया था। इसके बाद से उसकी हालत ब‍िगड़ती गई। 

10 मिनट के रास्ते के लिए 05 मिनट तक पूछताछ

एंबुलेंस कंट्रोल रूम में मरीज की हालत बताने के बाद पांच म‍िनट तक पूछताछ हुई। टाउन हाल मर्दाना अस्पताल से जिला अस्पताल तक पहुंचने में करीब 10 मिनट का समय लगेगा। ट्रैफिक मिलने पर 15 मिनट भी लग सकते हैं लेकिन 10 मिनट के रास्ते के लिए पांच मिनट पूछताछ में निकाल दिए।

सदर कोतवाली में नहीं खड़ी एंबुलेंस

एंबुलेंस की व्यवस्था हाईवे के साथ ज्यादातर थानों में है। इमरजेंसी में थाने से एंबुलेंस जाती है। लेकिन, सदर कोतवाली में एंबुलेंस नहीं खड़ी है। इस वजह से इस क्षेत्र में कोई इमरजेंसी होती है तो एंबुलेंस के पहुंचने में समय लग जाता है। रविवार को भी एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर वार्ड ब्वॉय की रास्ते में ही मौत हो गई।

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