गजब। मुरादाबाद में आक्सी फ्लो मीटर हुए गायब, लाेग कर रहे वेल्डिंग मशीन के मीटर का इस्तेमाल, जानिए कितना हाे सकता है खतरनाक

Oxygen Flometer News बाजार में मेडिकल आक्सी फ्लो मीटर गायब होने के बाद वेल्डिंग में काम आने वाला मीटर मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मीटर का उपयोग करने से पहले अनुभवी चिकित्सक या पैरामेडिकल स्टाफ से जरूर चेक कराएं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 04:37 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 04:37 PM (IST)
गजब। मुरादाबाद में आक्सी फ्लो मीटर हुए गायब, लाेग कर रहे वेल्डिंग मशीन के मीटर का इस्तेमाल, जानिए कितना हाे सकता है खतरनाक
गजब। मुरादाबाद में आक्सी फ्लो मीटर हुए गायब, लाेग कर रहे वेल्डिंग मशीन के मीटर का इस्तेमाल

मुरादाबाद, जेएनएन। Oxygen Flometer News : बाजार में मेडिकल आक्सी फ्लो मीटर गायब होने के बाद वेल्डिंग में काम आने वाला मीटर मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मीटर का उपयोग करने से पहले अनुभवी चिकित्सक या पैरामेडिकल स्टाफ से जरूर चेक कराएं। आक्सीजन लेबल कम या ज्यादा होने की वजह से मरीज को दिक्कत हो सकती है। कोरोना संक्रमित के शरीर का आक्सीजन 96-97 सेचुरेशन मेनटेन करना होता है।

अगर मरीज के शरीर का आक्सीजन कम हो गया है तो उसे मेनटेन करने के लिए अस्पतालों में सेंट्रल आक्सीजन लाइन लगाई जाती हैं। जिससे मरीज को ठीक लेबल पर आक्सीजन दी जा सके। लेकिन, घरों में मरीज को आक्सीजन देने के लिए छोटे सिलिंडर की व्यवस्था कर लेते हैं। उसमें औसतन 40 लीटर आक्सीजन होती है। जो मरीज काे 10 लीटर प्रति मिनट के हिसाब से दी जाती है।

नार्मल मास्क छह से 10 लीटर, एनआरबीएम बेग मास्क में 15 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन दी जाती है। मरीज की स्थिति चिकित्सक ही देखने के बाद बता सकते हैं। उन्हें आक्सीजन देने के लिए कोरोना विशेषज्ञ चिकित्सक की जरूरत होती है। इसमें लापरवाही नहीं बरतें। आक्सी मीटर से गड़बड़ होने पर मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। इसलिए अनुभवी चिकित्सक की देखरेख में इलाज कराएं।

केवल आक्सीजन ही इलाज नहीं है। कोरोना के अनुभवी चिकित्सक की देखरेख में इलाज करें। फेफड़ों के निमोनिया को ठीक करने के लिए भी इलाज करना पड़ता है। तभी मरीज ठीक होगा। डॉ. प्रवीण शाह, वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन 

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