घर की बगिया सजाने के साथ रामगंगा किनारे पौधारोपण, रिटायर होने के बाद पर्यावरण संरक्षण में जुटे डॉ. भूपेंद्र सिंह
कांठ रोड मधुबनी कालोनी के रहने वाले 67 वर्षीय डॉ. भूपेंद्र सिंह चौहान ने घर की छत पर टेरिस गार्डन बनाने के साथ ही रामगंगा किनारे की जमीनों पर पौधे भी रोपित किए। पेड़ पौधों के प्रति उनका लगाव रिटायर होने के बाद जुनून की शक्ल इख्तियार कर चुका है।
मुरादाबाद, जेएनएन। डाक्टरी पेशे के साथ पर्यावरण प्रेम आम बात है। क्योंकि पेड़-पौधों से मिलने वाले फायदे के बारे में डॉक्टर बखूबी जानते हैं और लोगों को बताते भी हैं। ड्यूटी के साथ ही पर्यावरण के लिए भी समय निकालते हैं। कांठ रोड मधुबनी कालोनी के रहने वाले 67 वर्षीय डॉ. भूपेंद्र सिंह चौहान ने घर की छत पर टेरिस गार्डन बनाने के साथ ही रामगंगा किनारे की जमीनों पर पौधे भी रोपित किए। पेड़ पौधों के प्रति उनका लगाव रिटायर होने के बाद जुनून की शक्ल इख्तियार कर चुका है।
घर की छत पर औषधीय और फूलों के पौधे गमलों में लगाने के साथ ही कांठ रोड पर नर्सरी भी शुरू कर दी। उन्होंने वर्ष 2000 से पर्यावरण संरक्षण के लिए मुहिम शुरू कर दी। अब तक 10 हजार से ज्यादा पौधे रोपित कर चुके हैं। कोठीवाल डेंटल मेडिकल कालेज में चिकित्सा अधीक्षक के पद पर कार्य कर किया। 2020 में रिटायर होने के बाद से पर्यावरण के लिए ही पूरी तरह कार्य कर रहे हैं। घर के गार्डन के साथ ही नर्सरी और रामगंगा किनारे की जमीन पर पौधे देखने के लिए चले जाते हैं। उनका कहना है कि रामगंगा किनारे पौधे रोपित होने से जमीन का कटान नहीं होगा और हरियाली भी होगी। लोग घूमने भी जाएंगे।