मुरादाबाद में बारिश के बाद सड़कें चलने लायक ही नहीं, सीवर लाइन की खोदाई से और बिगड़ी हालत
बारिश के बाद शहर में कई जगह सड़कें जख्मी हो गईं। सीवर लाइन खोदाई के बाद गहरे गड्ढे हो गए हैं। प्रभात मार्केट चौराहे पर सीवर लाइन खोदाई से गड्ढे हो गए। लेकिन जल निगम व नगर निगम दोनों ने इन गड्ढों को नहीं भरा।
मुरादाबाद, जेएनएन। बारिश के बाद शहर में कई जगह सड़कें जख्मी हो गईं। सीवर लाइन खोदाई के बाद गहरे गड्ढे हो गए हैं। प्रभात मार्केट चौराहे पर सीवर लाइन खोदाई से गड्ढे हो गए। लेकिन, जल निगम व नगर निगम दोनों ने इन गड्ढों को नहीं भरा। पूरे शहर में जगह-जगह गड्ढों से बाइक व राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। पार्षद भी नगर निगम में गड्ढों को लेकर चक्कर काट रहे हैं। हाल ही में आपातकालीन कामों को कराने के लिए दो-दो लाख रुपये के प्रति वार्ड में काम कराने का फैसला लिया था। लेकिन, न तो अभी काम चिह्नित हुए हैं और न गड्ढों की मरम्मत की जा रही है। नगर निगम अपनी लापरवाही कम जल निगम की ज्यादा बता रहा है जबकि जहां सीवर लाइन नहीं डली है, वहां की सड़कों का हाल भी बेहाल है।
न बिछेगी सीवर लाइन और न निगम बनाएगा सड़क : नगर निगम की लापरवाही की हद हो गई है। दूसरे चरण में कांठ रोड पर सीवर लाइन बिछाई जा रही है। इसको लेकर नगर निगम ने निर्णय लिया था कि सीवर डालने के बाद ही सड़क बनेंगी। लेकिन, जब एसटीपी की जमीन का मामला न्यायालय में विचाराधीन है और अभी सीवर की मुख्य लाइनें अभी नहीं बिछाई जा रही हैं तो डामर की एक लेयर ही सही सड़कों को चलने लायक तो बनाया जा सकता है। रामगंगा विहार 24 मीटर रोड व आरएसडी अकादमी को जाने वाली सड़क हो अकबर किले से वाणिज्य कर चौराहे की ओर की सड़क। सभी जगह गड्ढों तो हैं ही साथ ही बजरी उखड़कर बाइक फिसल रही है। बारादरी में बालाजी मंदिर के पास, कचहरी रोड, स्टेट बैंक की मुख्य शाखा रोड पर भी कई जगह गड्ढे हो गए हैं।
लालबाग में ठोकर खाकर गिर रहे लोग : लालबाग की सड़कों की सुध तभी ली जाती है जब नवरात्र आते हैं। लेकिन, फिर छह महीने के लिए कोई पलटकर भी नहीं देखता। लालबाग में कहीं नाली के पत्थर टूटे हुए हैं तो कहीं सीवर लाइन से गड्ढे हो गए हैं। सीसी टाइल्स की सड़क भी टूट गई है। यहां पर सीवर लाइन डाले दो साल बीत गए हैं। बार-बार गड्ढे होने की वजह से क्षेत्र के लोगों की दुश्वारियां बढ़ रही हैं।
सड़कों में गड्ढों को चिह्नित करके उनमें मिट्टी भरवाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। किस जेई ने अपने क्षेत्र में कितने गड्ढे भरवाए इसकी समीक्षा होगी। लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी। जल निगम की लापरवाही नगर निगम को झेलनी पड़ती है। इसको लेकर शासन को लिखा जाएगा।
संजय चौहान, नगर आयुक्त