वाह वकील साहब.! छेड़ी शिक्षा के लिए 'जिरह'
मुरादाबाद विकास खंड कुंदरकी के नानकार गांव के मुहम्मद रेहान भले पेशे से वकील और निवत
मुरादाबाद: विकास खंड कुंदरकी के नानकार गांव के मुहम्मद रेहान भले पेशे से वकील और निवर्तमान प्रधान हैं लेकिन, कोरोना काल में शिक्षा के लिए 'जिरह' में जुटे हैं। बच्चों की पढ़ाई का हक न छूटे इसलिए खुद ही स्कूल में जाकर पढ़ाना शुरू कर दिया। उस स्थिति में जब, तमाम शिक्षक संक्रमण के डर से अपने काम को अंजाम नहीं दे रहे थे। यह वकील साहब की कोशिश का ही नतीजा था, शिक्षकों का मन बदला और वे भी समय पर स्कूल आने लगे।
मुरादाबाद के एमएच डिग्री कॉलेज से एमए करने के बाद मुहम्मद रेहान ने केजीके कॉलेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। नेतागिरी में भी हाथ आजमाया। 2015 में युवाओं ने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने को कहा तो पहली बार में जीत गए। गांव का मुखिया बनने के बाद उन्होंने पहला काम सरकारी स्कूल में मिड-डे मील की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया। सप्ताह में दो दिन खुद बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया। कोरोना काल में शिक्षक स्कूल समय से नहीं आते थे इसलिए उन्होंने खुद ही स्कूल जाकर पढ़ाना शुरू कर दिया। शिक्षकों को वकील साहब के स्कूल पहुंचकर बच्चों की क्लास लेने की जानकारी मिली तो वह समय से आने लगे। स्कूल में शौचालय, पानी की व्यवस्था को बेहतर बना दिया। नौजवानों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने में पीछे नहीं रहते। गोष्ठियों का आयोजन करके आने वाली पीढ़ी के युवाओं में देश भक्ति की भावना को जागरूक करने का काम करते हैं।
अमन चैन और भाईचारा कमेटी बनाई
प्रधान मुहम्मद रेहान ने बताया कि कोविड-19 के प्रति जागरूकता को 20 युवाओं की कमेटी बनाई है। कमेटी के सदस्यों ने घर-घर जाकर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के तरीके बताए। मास्क और सैनिटाइजर का भी वितरण किया। गांव में अमन चैन कायम रहे, इसलिए कमेटी बनाई है। छोटे मसलों को गांव में ही कमेटी के सामने रखकर निपटाने की कोशिश की जाती है। भारत स्वच्छ मिशन के तहत उन्होंने 300 शौचालयों का निर्माण कराकर गांव को ओडीएफ करा दिया है।