हत्या के मामले में 19 साल से फरार आरोपित गिरफ्तार, लखनऊ में नाम बदलकर चला रहा था टेंपो
killer arrested after 19 years आरोपित के खिलाफ मुरादाबाद के अलग-अलग थानों में तस्करी अवैध आर्म्स के साथ ही अन्य गंभीर धाराओं में 14 मुकदमे दर्ज हैं। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि फरार आरोपित पर 15 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित था।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। killer arrested after 19 years : मुगलपुरा थाना क्षेत्र में हत्या करके फरार हुए आरोपित को 19 साल बाद पुलिस ने पहचान करने के साथ ही गिरफ्तार करने की कार्रवाई की। आरोपित लखनऊ स्थित अपनी ससुराल में नाम बदलकर टेंपो चालक बन गया था। गोपनीय सूचना पर पुलिस की टीम ने लखनऊ पहुंचकर आरोपित को गिरफ्तार करके लाई। पकड़े गए आरोपित के खिलाफ मुरादाबाद के अलग-अलग थानों में तस्करी, अवैध आर्म्स के साथ ही अन्य गंभीर धाराओं में 14 मुकदमे दर्ज हैं। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि फरार आरोपित पर 15 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित था।
मुगलपुरा थाना क्षेत्र में 30 अक्टूबर 2002 में मोअज्जम उर्फ गुड्डू हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इस मामले में कटघर थानाक्षेत्र के मकबरा निवासी कमरु जमा ने मुगलपुरा थाने में तहरीर देकर पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 29 अक्टूबर की रात उनके भाई मोअज्जम उर्फ गुड्डू पर हमला करके हत्या की गई है। पुलिस ने जांच के बाद आरोपित जमील उर्फ छोटा, तनवीर हैदर उर्फ हकला गुड्डू, संजय सैनी उर्फ नदीम, नजाकत हुसैन और परवेज उर्फ पर्रू निवासी मुहल्ला फैजगंज थाना मुगलपुरा को आरोपित बनाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। लेकिन इस घटना के आरोपित परवेज उर्फ पर्रू घटना से फरार हो गया था। कोर्ट की कार्रवाई के बाद आरोपित को भगोड़ा घोषित करने के साथ ही दस हजार रुपये का इनाम एडीजी जोन बरेली के कार्यालय से घोषित कर दिया गया था। इसके साथ ही उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जनपद के काशीपुर थाने में दर्ज मुकदमे में पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एएसपी अनिल कुमार यादव ने बताया कि उन्हें कुछ दिन पहले मोबाइल पर मैसेज आया था। जिसमें आरोपित के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके बाद टीम गठित करके आरोपित परवेज उर्फ पर्रु को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ भेजा गया था। सूचना की पुष्टि के बाद आरोपित को हुसैन गंज छोटा इमामबाड़ा से गिरफ्तार कर करके लाया गया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि पिता की हत्या की रंजिश में उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद वह लखनऊ भाग गया था। वहां पर उसने अपना नाम बदलकर आसिफ रख लिया था, इसके बाद फौजिया नाम की महिला से निकाह कर लिया था। मौजूदा समय में उसके नौ साल का एक बेटा असद है। परिवार चलाने के लिए वह टेंपो चालक बन गया था। पकड़े गए आरोपित को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजने की कार्रवाई की गई।