सम्‍भल में 180 बीघा झील पर बनेगा पिकनिक स्‍पॉट, लगाए जाएंगे पौधे

लंबे समय से कब्जे में रही झील। वक्फ की संपत्ति से खारिज कर राज्य सरकार में शामिल किया गया था। प्रशासन ने झील की जमीन के लिए कराई मेड़बंदी अब इस जगह का होगा पिकनिक स्थल के रूप में विकास।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 01:50 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 01:50 PM (IST)
सम्‍भल में 180 बीघा झील पर बनेगा पिकनिक स्‍पॉट, लगाए जाएंगे पौधे
सम्‍भल में 180 बीघा झील पर बनेगा पिकनिक स्‍पॉट।

सम्‍भल ( सिरसी)। लंबे समय से कब्जे का दंश झेल रही नगर पंचायत सिरसी की कसा झील अब मुक्त हो चुकी है। एसडीएम सम्भल दीपेंद्र यादव के प्रयास के बाद अब इस झील को नई पहचान मिलेगी। शनिवार को राजस्व के साथ पुलिस टीम को लेकर स्वयं एसडीएम व तहसीलदार सिरसी पहुंचे और 180 बीघा क्षेत्र में फैले इस झील को कब्जा मुक्त कराते हुए मेड़बंदी भी कराई। शनिवार को राजस्व विभाग की टीम निर्माणाधीन नहर के निकट स्थित कसा झील के नाम से प्रसिद्ध तालाब की पैमाइश कराने के लिये गयी।

पैमाइश करके तालाब की हदबंदी कर रहे थे तभी वहां मस्जिद मोहल्ला शर्की के मुतवल्ली और कमेटी के लोगों ने पहुंच कर कसा झील के तालाब को मस्जिद की वक्फ जमीन बताई और तालाब से संबंधित कागज दिखाये। जिस पर तहसीलदार ने एसडीएम सम्भल दीपेंद्र यादव को मौके पर बुला लिया। एसडीएम ने मौके पर पहुंच कर तालाब का निरीक्षण किया और मस्जिद मोहल्ला शर्की के मुतवल्ली और कमेटी से कहा कि आप का वाद यहा न्यायालय से खारिज हो चुका है। आप लोग सक्षम न्यायालय में वाद दायर कर सकते हैं। उन्होंने अधिनस्थों को तालाब की हद बन्दी करने के आदेश दिये और कहा कि आप पिलर लगाने का काम करे। उन्होंने कहा कि इस जगह को पिकनिक स्पाट के रूप के विकसित किया जाएगा।

किनारों पर लगेंगे पौधे

झील के चारों तरफ पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए दस हजार से अधिक पौधे लगेंगे। सबसे ज्यादा छायदार पौधे लगेंगे। इसमें पीपल, बरगद के पौधे मुख्य होंगे। इसके साथ ही फूल पौधों की क्यारी भी विकसित की जाएगी। नगर पंचायत सिरसी ने भी इसके लिए कार्य योजना बनाने का संकेत दिया है।

नैनी झील की तर्ज पर होगा विकसित

एसडीएम सम्भल ने बताया कि इस झील को नैनीताल के नैनी झील की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। हालांकि यह प्रोजेक्ट बड़ा है लेकिन इसके लिए नगर पंचायत तथा अन्य संबंधित से वार्ता होगी। इस जगह के आसपास के क्षेत्र को विकसित करते हुए यहां मोटरबोट के जरिए भी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है क्यों कि इसके बगल में 160 बीघा की जमीन में पक्षी विहार भी विकसित करने की योजना है।

पूर्व में जब मेरी तैनाती थी तो यह मामला मेरे संज्ञान में आया था। इस झील को वक्फ में दर्ज किया गया था। इसे खारिज कर झील राज्य सम्पत्ति में दर्ज कराया गया था। एक साल से यह मामला ठंडा पड़ा था। दुबारा मेरी तैनाती हुई तो इस झील पर जाकर मेडबंदी कराई गई है। यह अच्छी जगह है और इसका इस्तेमाल किसी भी दशा में निजी हित में नहीं होने दिया जाएगा। झील के किनारे को सुंदरीकरण कराया जाएगा। पेड़ पौधे भी लगेंगे।

दीपेंद्र कुमार यादव, एसडीएम सम्भल

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