मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम के 600 खिलाड़ियों को कोच का इंतजार, खुद ही कर रहे अभ्यास
वरिष्ठ खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है। कोच न होने से उनको प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है। पूर्व कोच के नाम सोनकपुर स्टेडियम से खेल निदेशालय भेजे गए हैं लेकिन वह स्टेडियम में आते हैं और घूमकर चले जाते हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना काल में खिलाड़ियों की प्रतिभा को ग्रहण लग गया है। एक साल यह प्रतिभाएं घर बैठी हैं। मंडल के सोनकपुर स्टेडियम में काेच नहीं हैं और न ही सामान हैं। स्थायी कोच के रूप में एक जूडो व दूसरे हाकी के हैं जबकि स्टेडियम में बाक्सिंग, बास्केटबाल, वालीबाल, एथलेक्टिक्स, क्रिकेट, कुश्ती, स्केटिंग समेत एक दर्जन खेलों के करीब 600 खिलाड़ियों को कोच और सामान का इंतजार है।
वरिष्ठ खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है। कोच न होने से उनको प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है। पूर्व कोच के नाम सोनकपुर स्टेडियम से खेल निदेशालय भेजे गए हैं लेकिन, वह स्टेडियम में आते हैं और घूमकर चले जाते हैं। खेल निदेशालय की ओर से न तो खेल का सामान आवंटित हो रहा है और न कोच। इससे कोचविहीन सोनकपुर स्टेडियम राम भरोसे हो गया है। बाक्सिंग के खिलाड़ियों का रिंग पर टीनशेड मंजूर हुए साल भर से ज्यादा बीत चुका है लेकिन अभी तक टीनशेड न होने से बारिश, धूप के मौसम में खेलना मुश्किल होता है। वहीं बिना टीन शेड के रिंग बारिश में जंग लगने से कमजोर हो रहा है।
सोनकपुर स्टेडियम में कोच न होने से प्रशिक्षण पूरी तरह चौपट है। खिलाड़ियों का भविष्य खेलों पर ही निर्भर है। कोच व सामान उपलब्ध कराए जाएं।
रवि कुमार, बॉक्सर
एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा खिलाड़ी हैं। स्वयं ही बिना कोच अभ्यास कर रहे हैं लेकिन, बिना व शिविर के प्रतिभाएं आगे बिल्कुल नहीं बढ़ सकती हैं।
सलमान अहमद, राष्ट्रीय खिलाड़ी वालीबाल
वालीबॉल के कोच न होने से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं प्रभावित हो रहीं हैं। खेल निदेशालय कोच व सामान उपलब्ध कराना चाहिए।
समद, राष्ट्रीय खिलाड़ी, एथलेटिक्स
खेलों को कोरोना ने तो चौपट किया ही खेल निदेशालय की अनदेखी से भी खिलाड़ियों का करियर चौपट हो गया है।
सुमित दिवाकर, राष्ट्रीय खिलाड़ी, वालीबाल
खेल निदेशालय ने पूर्व में सूचना मांगी थी कि स्टेडियम में कौन-कौन सी खेल की सुविधा है। यह जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। नए सत्र के लिए खिलाड़ियों के पंजीयन शुरू हो गए हैं लेकिन कोच न हाेने से खिलाड़ी मायूस हैं।
अनिमेष सक्सेना, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी