मुरादाबाद के 60 नर्सिंग होम और अस्पताल किए जाएंगे चेक, फर्जीवाड़ा मिलने पर दर्ज होगा मुकदमा
एमबीबीएस एमएस का नाम बोर्ड पर लिखवाकर जिले में नर्सिंग होम-अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इसको लेकर मंडलायुक्त ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने ऐसे नर्सिंग होम-अस्पतालों की जांच शुरू कराई है। जांच में जो भी फर्जी मिलेगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
मुरादाबाद, जेएनएन। एमबीबीएस, एमएस का नाम बोर्ड पर लिखवाकर जिले में नर्सिंग होम-अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इसको लेकर मंडलायुक्त ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने ऐसे नर्सिंग होम-अस्पतालों की जांच शुरू कराई है। जांच में जो भी फर्जी मिलेगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
चिकित्सा सेवा के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में आ गया है। कोरोना महामारी के दौरान मरीजों से खूब वसूली की गई। मरीज के गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद उसे सरकारी या निजी बड़े अस्पताल रेफर करने का खूब खेल हुआ। मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह से मुरादाबाद नर्सिंग होम के संचालकों ने इस बात की जानकारी दी। इस बात को मंडलायुक्त ने गंभीरता से लेते हुए अस्पतालों की जांच का आदेश मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग को दे दिया। उन्होंने सूची में शामिल 60 नर्सिंग होम-अस्पतालों की सूची एसीएमओ डॉ. दीपक वर्मा और एसीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल को सौंप दी। इन सभी अस्पतालों की जांच करने के बाद जो फर्जी होंगे या जिन्होंने फर्जी तरीके से बोर्ड पर एमबीबीएस, एमएस डॉक्टर का नाम लिखवा रखा होगा। उन सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। बता दें कि देहात और गली-मुहल्लों की कुछ क्लीनिकों पर लगातार गड़गड़ी की जा रही है। ग्रामीण इलाके के मरीज इनके शिकार बन रहे हैं।
नर्सिंग होम-अस्पतालों की जांच दो एसीएमओ को दी गई है। जांच के बाद रिपोर्ट मंडलायुक्त को दी जाएगी। फर्जी काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
डॉ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।
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