रामपुर में दुष्कर्म के मुकदमे में 10 साल की कैद, जुर्माना भी देना होगा

गवाहों और साक्ष्य के आधार पर अधिक से अधिक सजा देने की मांग की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि धर्मपाल को झूठा फंसाया गया है। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने धर्मपाल को 10 साल की कैद और 11500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 08 Nov 2020 07:34 AM (IST) Updated:Sun, 08 Nov 2020 07:34 AM (IST)
रामपुर में दुष्कर्म के मुकदमे में 10 साल की कैद, जुर्माना भी देना होगा
11500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

रामपुर, जेएनएन। आठ साल पहले महिला से दुष्कर्म के मुकदमे में अदालत ने दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। जुर्माना भी डाला है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि आठ साल पहले अजीमनगर थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में कहा था कि वह खेत पर चारा लेने गई थी। वहां पैगा गांव का धर्मपाल आ गया। उसे अकेला पाकर बुरी नीयत से दबोच लिया। उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने घटना की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बाद में महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के बाद धर्मपाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता समेत अन्य गवाहों के बयान कराए गए। गवाहों और साक्ष्य के आधार पर अधिक से अधिक सजा देने की मांग की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि धर्मपाल को झूठा फंसाया गया है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने धर्मपाल को 10 साल की कैद और 11500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

गैंगस्टर के मुकदमे में तीन साल आठ माह की कैद

गैंग बनाकर अपराध करने के मामले में अदालत ने एक व्यक्ति को तीन साल आठ माह सात दिन कैद की सजा सुनाई है। गैंगस्टर का यह मामला शहजादनगर थाना क्षेत्र का है। यहां के नौगवां गांव के नासिर समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस का आरोप था कि नासिर बिजली के तारों को काटकर उससे धन अर्जित करता है। साथ ही उसकी दहशत अन्य लोगों में भी है। पुलिस ने उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से छह गवाह पेश किए गए। कोर्ट में नासिर ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया, जिस पर उसे दोषी करार दिया गया। सजा के मुद्दे पर बहस हुई। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी रुद्रेंद्र श्रीवास्तव ने उसे अधिक से अधिक सजा देने की अपील की। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी ने बताया कि अदालत ने उसे तीन वर्ष आठ माह और सात दिन की सजा सुनाई गई। पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

आठ साल पहले अजीमनगर थाना क्षेत्र में हुई थी घटना 

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