ओम मंत्र की शक्ति से 14 दिनों में जीत ली कोरोना से लड़ाई

एक तरफ कोरोना संक्रमण का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी ओर सुखद खबर यह कि कोरोना का शिकार हुए लोग स्वस्थ होकर वापस भी आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण का शिकार हुए चुनार नगर के साहबराम गोला निवासी एकमात्र युवक बृजेश गुप्ता भी कोरोना की जंग जीतकर घर वापस लौटे। उन्होंने बताया कि रोजाना सुबह ओम मंत्र का दीर्घस्वर में उच्चारण करने से न सिर्फ उनका तनाव दूर हुआ बल्कि कोरोना की महामारी को भी हरा पाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 05:23 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 11:44 PM (IST)
ओम मंत्र की शक्ति से 14 दिनों में जीत ली कोरोना से लड़ाई
ओम मंत्र की शक्ति से 14 दिनों में जीत ली कोरोना से लड़ाई

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : एक तरफ कोरोना संक्रमण का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी ओर सुखद खबर यह कि कोरोना का शिकार हुए लोग स्वस्थ होकर वापस भी आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण का शिकार हुए चुनार नगर के साहबराम गोला निवासी एकमात्र युवक बृजेश गुप्ता भी कोरोना की जंग जीतकर घर लौटे हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना सुबह ओम मंत्र का दीर्घस्वर में उच्चारण करने से न सिर्फ उनका तनाव दूर हुआ बल्कि कोरोना की महामारी को भी हरा पाए।

घर लौट आए युवक के चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक और घर लौटने की प्रसन्नता झलक रही थी तो दूसरी तरफ घर की दहलीज पर बेटे के स्वागत में पिता मिथिलेश गुप्ता स्वयं आरती की थाली लिए स्वागत को आतुर थे। बृजेश ने बताया कि आइसोलेशन के 14 दिन प्रभु श्रीराम के वनवास सरीखे रहे। इन 14 दिनों तक ओम मंत्र का जाप ही कोरोना सरीखे असुर से लड़ाई में सबसे बड़ा सहारा बना। बृजेश ने कहा, प्रतिदिन स्नान के बाद हाथ में माला लेकर वह 108 बार दीर्घ स्वर में ओम का जाप करते थे। इससे उन्हें आत्मबल मिलता था और उनके फेफड़ों को प्राण वायु मिलती थी। साहबराम गोला निवासी गायत्री परिवार से जुड़े गुप्ता परिवार के पुत्र बृजेश गुप्ता इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियर हैं। दिल्ली में कार्यरत बृजेश बीते 16 जून को घर लौटे थे। इनके भाई की दिल्ली में पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद इनका टेस्ट हुआ और रिपोर्ट भी पाजिटिव आ गई। इन्हें मीरजापुर आइसोलेशन वार्ड भेज दिया गया। वहां के स्वास्थ्य कर्मियों की तारीफ करते हुए बृजेश ने कहा कि हर स्तर पर स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार सराहनीय रहा। दिनचर्या के बारे में बताया कि धर्म में आस्था रखने के कारण सुबह स्नान के बाद वे ओम मंत्र का 108 बार जाप करके दिन की शुरुआत करते थे। ओम का जाप ही उनके आत्मबल का सबसे मजबूत स्तंभ रहा। बाकी का समय डायरी में लिखने व पढ़ने में बीत जाता था।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया से व्यथित

हालांकि खुद के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कुछ लोगों द्वारा जिस तरह सोशल मीडिया पर बृजेश को प्रस्तुत किया गया उससे वे काफी व्यथित दिखे। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी बीमारी को खुद दावत नहीं देता है। इसलिए यदि कोई संक्रमित हो जाए तो उसकी और उसके परिवार की पीड़ा को समझना चाहिए।

प्रतिदिन होता था चेकअप, नहीं दी गई दवा

बृजेश ने कहा कि प्रतिदिन नियत समय पर स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा थर्मल स्कैनिग की जाती थी। पल्स आक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल के साथ पल्स रेट चेक किया जाता था। उन्हें कोई तकलीफ नहीं होने आक्सीजन या अन्य सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि घरवालों के आशीर्वाद व साथियों की प्रार्थना के साथ स्वयं का आत्मबल इस लड़ाई को जीतने में सहयोगी बना।

परिजनों ने उतारी आरती, स्वागत

मीरजापुर से डिस्चार्ज होने के बाद घर पहुंचे बृजेश का स्वागत आरती के साथ हुआ। इस दौरान गंगा-जमुनी तहजीब के लिए प्रसिद्ध चुनार की तहजीब के मुताबिक मुहल्ले के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी बृजेश की हौसला आफजाई की। वहीं दूसरी ओर मुहल्ले व आसपास के लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद से सभी ने चैन की सांस ली है।

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