गंगा तट किनारे की महिलाएं होंगी स्वालंबी, उपलब्ध होगा रोजगार
क्षेत्र के डगमगपुर में संकट मोचन फाउंडेशन मदर्स फार मदर व ओज ग्रीन आस्ट्रेलिया ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को कपड़े के झोले की सिलाई व ताड़ के पत्ते की टोकरी बनाने का निश्शुल्क प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
जागरण संवाददाता, पड़री (मीरजापुर) : क्षेत्र के डगमगपुर में संकट मोचन फाउंडेशन मदर्स फार मदर व ओज ग्रीन आस्ट्रेलिया ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को कपड़े के झोले की सिलाई व ताड़ के पत्ते की टोकरी बनाने का निश्शुल्क प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में गरीब महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी और परिवार की आर्थिक स्थित मजबूत करेंगी। इतना ही नही अपना खुद का एक रोजगार कर स्वालंबी बनेंगी।
संकट मोचन फाउंडेशन व मदर्स फार मदर की शाखा की ओर से डगमगपुर में संकट मोचन के महंत विशंभर नाथ मिश्र ने ताड़ के पत्ते की टोकरी बनाने के लिए कार्यशाला का शुभारंभ फीता काटकर किया। मदर फार मदर ट्रस्ट की संचालिका आभा मिश्रा के सहयोग से कपड़े के झोले की सिलाई का कार्य आरंभ किया गया। महंत विशंभर नाथ ने बताया कि ताड़ के पत्ते से बने टोकरी का उपयोग मंदिरों व बाजारों में किया जाएगा।
उच्चायोग नई दिल्ली के आस्ट्रेलिया की ओज ग्रीन संस्था के सहयोग से गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए विकल्प के तौर पर कपड़े का बैग और पत्ते को टोकरी बनाने के लिए निश्शुल्क कार्यशाला की शुरुआत की गई है। इससे गंगा किनारे गंदगी नहीं होगी और प्लास्टिक का सही इस्तेमाल कर गरीब तबके की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।