मदद संग कोरोना में असहाय हुए बच्चों को मिले मानसिक संबल व स्नेह

जागरण संवाददाता मीरजापुर कोविड-19 महामारी का नाम जेहन में आते ही आम जनमानस आज भी सिहर उठता है। कोरोना के चलते कई लोगों ने इसको झेला तो कई लोग आज भी अपनों को खोने का गम भुला नहीं पा रहे हैं। कई मासूम ने अपने माता-पिता माता अथवा पिता को खोया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत शासन-प्रशासन ने लगभग सभी प्रभावित बचों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:26 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:26 PM (IST)
मदद संग कोरोना में असहाय हुए बच्चों को मिले मानसिक संबल व स्नेह
मदद संग कोरोना में असहाय हुए बच्चों को मिले मानसिक संबल व स्नेह

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोविड-19 महामारी का नाम जेहन में आते ही आम जनमानस आज भी सिहर उठता है। कोरोना के चलते कई लोगों ने इसको झेला तो कई लोग आज भी अपनों को खोने का गम भुला नहीं पा रहे हैं। कई मासूम ने अपने माता-पिता, माता अथवा पिता को खोया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत शासन-प्रशासन ने लगभग सभी प्रभावित बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाई है। संरक्षक के लिए इनके अभिभावकों को चार हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगा। अब जरूरत है आर्थिक मदद संग कोरोना प्रभावित बच्चों को मानसिक संबल व स्नेह की। प्रशासनिक अमले संग संगठन, व्यक्ति व समाजसेवियों को इसके लिए आगे आते हुए कदम उठाना चाहिए।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जनपद में कोरोना के दौरान 42 बच्चें अनाथ हुए थे। कमेटी ने जांच के बाद 42 में से 22 स्वीकृत किए जबकि 15 आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया। वर्तमान में 5 आवेदन पत्र की जांच चल रही है। जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना के दौर में जिले में 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनके माता पिता दोनों की मौत कोविड महामारी में हो गई है या फिर माता पिता में से किसी एक की मौत मार्च 2020 से पहले हुई हो, दोनों की मौत हो गई हो तो ऐसे में अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में शामिल किया गया हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ हुए बच्चों को हर संभव मदद पहुंचाने के साथ ही उनको गलत हाथों से बचाने का भी है। बच्चों का भरण पोषण, शिक्षा समेत चिकित्सा संबंधित व्यवस्था पर प्रशासन पूरा ध्यान दे रहा है। पढ़ाई से लेकर शादी तक कराएगी सरकार

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में शामिल बच्चों के संरक्षक के बैंक खातों में चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह से अनाथ पाए जाएंगे तो उनको विभाग स्तर से संचालित संस्थाओं में आवास दिलाया जाएगा। कक्षा 06 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों या कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में आवास उपलब्ध कराया जाएंगे। बच्चों के संरक्षक को तीन माह की अवधि के दौरान बच्चों की देखभाल के लिए प्रति माह चार की दर से 12 हजार रुपये दिया जाएगा। इसके साथ ही कक्षा 9 उत्तीर्ण करने पर बच्चों को टेबलेट एवं 18 वर्ष पूर्ण या इंटरमीडिएट पास करने पर लड़कियों को शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपए दिए जाने का भी प्राविधान है।

वर्जन---

कोविड-19 से प्रभावित बच्चों के हित में मुख्यमंत्री ने कल्याणकारी योजना संचालित की है। योजना के तहत बच्चों का अच्छे तरीके से देखभाल हो रहा है। जरूरत पड़ने पर पार्टी के दिशा-निर्देशानुसार आगे कार्य किया जाएगा। ऐसे बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

- रमाशंकर सिंह पटेल, ऊर्जा राज्यमंत्री। ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना लक्षण वाले बच्चों का प्राथमिक उपचार, पौष्टिक आहार, काढ़ा, भाप के साथ ही पोस्ट कोविड केयर एंड काउंसलिग कार्यक्रम इम्यूनिटी बूस्टर किट वितरण किया गया। अभियान चला मास्क, सैनिटाइजर वितरण, आक्सीजन लेवल चेक किया जा रहा है। भविष्य में ऐसे बच्चों के लिए अनवरत स्वास्थ्य परीक्षण, इम्यूनिटी बूस्टर, अनौपचारिक आनन्दमय पाठशाला संचालन करने की योजना है। कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को मदद या आश्रय सुविधा नहीं मिलने पर बिना सरकारी अनुदान के प्रबोधिनी मातृ शक्तियां आश्रय, शिक्षा और स्वावलंबन की व्यवस्था करेगी।

- विभूति मिश्रा, निदेशक, महिला प्रबोधिनी फाउंडेशन, मीरजापुर। कोरोना प्रभावित बच्चों के लिए शासन-प्रशासन कल्याणकारी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना संचालित कर रहा है। रोटरी क्लब मीरजापुर भी आगामी दिनों में बच्चों के हितार्थ योजना संचालित करेगा।

- रविद्र नाथ अग्रवाल, अध्यक्ष, रोटरी क्लब मीरजापुर।

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