निराजल व्रत रहकर की अखंड सौभाग्य की कामना

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अखंड सौभाग्य की इच्छा से किया जाने वाला हरितालिका तीज जिले में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। दिन भर व्रती महिलाओं ने निराजल व्रत रखकर शाम को शंकर- पार्वती की पूजा की और अखंड सौभाग्य की कामना की। दिन भर गंगा तटों पर स्नान करने वाली महिलाओं का तांता

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 08:08 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 11:57 PM (IST)
निराजल व्रत रहकर की अखंड सौभाग्य की कामना
निराजल व्रत रहकर की अखंड सौभाग्य की कामना

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : हरितालिका तीज जिले में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। बुधवार को दिन भर महिलाओं ने निराजल व्रत रखकर शाम को शंकर- पार्वती की पूजा की और अखंड सौभाग्य की कामना की। दिन भर गंगा तटों पर स्नान करने वाली महिलाओं का तांता लगा रहा। आधी-अधूरी व्यवस्था से महिलाओं को काफी परेशानी हुई।

ट्रैक्टर व आटो से पहुंची महिलाएं

तीज पर्व पर गंगा स्नान पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गंगा तटों पर महिलाएं ट्रैक्टर व आटो से समूह बनाकर स्नान के लिए पहुंची। महिलाओं का जत्था दस-दस किलोमीटर की दूरी तय कर स्नान के लिए पहुंचा। परंपरा के अनुसार गंगा स्नान कर महिलाएं शंकर पार्वती की एक साथ बनी मूर्ति की पूजा करती हैं। स्नान करने का भी विधि विधान है। आमतौर पर बिना साबुन के स्नानकर तिल की पत्ती से सिर धोने की परंपरा है। अधिकांश महिलाएं व्रत शुरू करने वाले दिन की भोर में खा-पीकर व्रत शुरू करती हैं और दिन भर एक बूंद पानी भी नहीं पीती। उनका यह व्रत दिन और रात भर होकर दूसरे दिन की भोर में संपन्न होता है। उस समय मिष्ठान्न से व्रत का पारायण होता है।

महिला आरक्षियों की कमी खली

गंगा तटों पर पुलिस की ड्यूटी तो लगाई गई थी लेकिन अधिकांश जगहों पर पुरुष आरक्षी ही थे। महिला आरक्षियों की संख्या नगण्य थी जबकि भीड़ महिलाओं की ही थी। इसके अलावा अधिकांश जगहों पर न तो बैरिके¨डग की गई थी और न ही सुरक्षा के कोई खास उपाय किए गए थे। रामभरोसे पूरी व्यवस्था चल रही थी। इस समय गंगा अपने उफान पर हैं लगभग खतरे के ¨बदु के आसपास हैं। इसके बाद भी प्रशासन ने एहतियाती कोई उपाय नहीं किए थे। घाटों पर भीड़ का आलम यह था कि लोग एक- दूसरे पर गिरे पड़ रहे थे। शाम को शिवालयों में हुई भीड़

शाम के समय शिवालयों में पूजन अर्चन के लिए महिलाओं की भीड़ हुई। अधिकांश महिलाओं ने तो गंगा की मिट्टी से बनने वाले शिव पार्वती की मूर्ति को खरीदकर अपने ही घर में पूजा की और उनको नया वस्त्र व श्रृंगार का सामान चढ़ाया लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश महिलाओं ने शिवालयों में पूजा की और वह भी गंगा के किनारे स्थित शिव मंदिरों में। दोपहर में दिया गोताखोर व नाव लगाने का निर्देश

इतने बड़े पर्व पर प्रशासन की तैयारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोपहर में सीओ सिटी ने एडीएम को फोनकर घाटों की स्थिति बताते हुए कहा कि वहां पर न तो नाव है और न ही गोताखोर। इस पर एडीएम ने सीओ को बिगड़ते हुए कहा कि सुबह से अभी समय मिला है। यह सूचना देने का। इसके बाद उन्होंने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को निर्देश देते हुए गोताखोर व नाव की व्यवस्था करने को कहा।

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