हजारों शिवभक्तों ने कोटारनाथ धाम में किया जलाभिषेक

स्थानीय विकास खंड के कोटार स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर में सोमवार को सावन मास के प्रथम दिन होने के कारण शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भोर से ही अदवा नदी में स्नान कर लोग हाथ में जल का पात्र तथा बेलपत्र धतूर मदार पुष्पों के साथ दूध व गंगा जल के साथ जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक कर पूजा अर्चना किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 06:48 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:48 PM (IST)
हजारों शिवभक्तों ने कोटारनाथ धाम में किया जलाभिषेक
हजारों शिवभक्तों ने कोटारनाथ धाम में किया जलाभिषेक

जासं, हलिया (मीरजापुर) : स्थानीय विकास खंड के कोटार स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर में सोमवार को सावन मास के प्रथम दिन होने के कारण शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भोर से ही अदवा नदी में स्नान कर लोग हाथ में जल का पात्र तथा बेलपत्र, धतूर, मदार, पुष्पों के साथ दूध व गंगा जल के साथ जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक कर पूजा-अर्चना किया।

सावन माह में भगवान शिव के दर्शन से समस्त मनोकामना पूर्ण होती हैं। पुत्र, धन एवं ऐश्वर्य आदि सहित समस्त मनोकामना दर्शन मात्र से पूर्ण होती हैं। बगल में बने मां पार्वती के मंदिर का शिव मंदिर से लोग गठबंधन भी किया करते हैं। मान्यता है कि सौ वर्ष पूर्व व्यापारियों का जत्था अदवा नदी के मध्य फंस गया था। अपने बैलों तथा सामान के साथ नदी में उफान आता देख भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना किया कि यदि हम लोग इस बहाव से बच जाएंगे तो आपका का भव्य मंदिर निर्माण करेंगे। अचानक चारों तरफ से व्यापारियों के ठहराव स्थल पर टीला बन गया, जिससे सभी की जान बच गई और सुबह होने के बाद व्यापारियों ने मंदिर निर्माण शुरू कर दिया। एक माह के अंदर मंदिर निर्माण कर भगवान भोलेनाथ के शिवलिग की स्थापना कर दी। इसके बाद से ही वर्ष में तीन बार बड़ा मेला लगता है। वहीं पूरे सावन मास में भक्तों का तांता लगा रहता है। क्षेत्रीय लोगों के साथ अगल-बगल जनपद प्रयागराज, सोनभद्र के अलावा मध्यप्रदेश प्रांत के भक्त भी दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं। सावन भर रूद्राभिषेक होता रहता है। सुरक्षा व्यवस्था के तौर पर प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह मय फोर्स के साथ लोगों से शारीरिक दूरी व मास्क लगाकर दर्शन पूजन करने के लिए कहते देखे गए।

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