खिलता रहे गुलाब, महकता रहे चमन, नेताजी को राष्ट्र का नमन..

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर चुनार साहित्य परिषद द्वारा बालूघाट स्थित पांडेय बेचन शर्मा उग्र पुस्तकालय भवन में गुरुवार की देर शाम एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि मेजर कृपाशंकर सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि नेताजी ने आजाद हिद फौज की स्थापना के साथ ही आजादी के लिए क्रांति का बिगुल फूंका था। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 07:03 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 07:03 PM (IST)
खिलता रहे गुलाब, महकता रहे चमन, नेताजी को राष्ट्र का नमन..
खिलता रहे गुलाब, महकता रहे चमन, नेताजी को राष्ट्र का नमन..

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती पर चुनार साहित्य परिषद द्वारा बालूघाट स्थित पांडेय बेचन शर्मा उग्र पुस्तकालय भवन में गुरुवार की देर शाम एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि मेजर कृपाशंकर सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि नेताजी ने आजाद हिद फौज की स्थापना के साथ ही आजादी के लिए क्रांति का बिगुल फूंका था। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

काव्य संध्या का शुभारंभ कैलाशपति त्रिपाठी सरल की वाणी वंदना से हुआ। अशोक सिंह कुशवाहा ने सुनाया- जिनके पूर्वज हुए बलिदान वो कहीं के नहीं रहे, जो करते हैं दलाली वो पुरस्कार ले रहे..। करुणा पति त्रिपाठी करुण ने सुनाया- खिलता रहे गुलाब, महकता रहे चमन, नेताजी सुभाष चंद्र को इस राष्ट्र का नमन..। अफसर अली ने सुनाया- कभी ये दल बदलते हैं, कभी वो दल बदलते हैं, नेताजी आजकल के हर पल बदलते हैं..। जयप्रकाश जय ने सुनाया- जीवन भर न चैन से सोया, क्रांतिदूत वह भारत का, राष्ट्रप्रेम का ज्वार उगलता, था सपूत वह भारत का..। कमलेश्वर प्रसाद कमल ने सुनाया- नमन उन क्रांतिवीरों को, नमन उन शांतिवीरों को, नमन इस देश के रक्षक और जवान को..। नयन कुमार वर्मा नयन ने सुनाया- समय नदी की बाढ़ है जिसमें सब बह जाया करते हैं..। अनवर अली अनवर ने सुनाया- ये धरती अभिमान है करती, गर्वित होता आकाश, इसी धरती पर जन्म लिए थे, नेता जी वीर सुभाष..। संचालन कर रहे राजेश मिश्र ज्योति ने सुनाया- नेता शब्द को बदनाम कर रहा आज का ऐसा नेता, झूठ फरेबी वादा तिकड़म, हर काम कर रहा नेता..। अध्यक्षता रविद्र नाथ त्रिपाठी ने की। इस अवसर पर रमाशंकर सिंह कुशवाहा, नरेंद्र उपाध्याय, श्रवण कुमार सिंह, सुरेश वर्मा, बीके जौहरी, भोलानाथ वर्मा आदि थे।

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