समय का बदला चक्र घर में हो गए बेगाने
ईश्वर बलवान है जिसकी महिमा कौन जान सकता है इस समय कोरोना जैसी महामारी ने सब को हिला दिया है। एक तरफ पापी पेट के सवाल पर बच्चों की परवरिश हेतु प्रदेश बाहर कमाने क्या गया अब वापस आने पर बेगानों जैसा व्यवहार परिवारीजन द्वारा भी होने लगा है।
जासं, पटेहरा (मीरजापुर) : ईश्वर बलवान है जिसकी महिमा कौन जान सकता है। इस समय कोरोना जैसी महामारी ने सब को हिला दिया है। एक तरफ पापी पेट के सवाल पर बच्चों की परवरिश हेतु प्रदेश बाहर कमाने क्या गया अब वापस आने पर बेगानों जैसा व्यवहार परिवारीजन द्वारा भी होने लगा है। यह कहानी नहीं हकीकत है मामला पड़रिया कला गांव का है। जहां एक साथ किसी प्रकार जान जोखिम में डाल कर विनोद कुमार, विनय कुमार, शुभम, महेश, रामगोपाल, देवीलाल आदि गांव पहुंचे की गांव वाले पानी और भोजन को कौन कहे पहले पीएचसी पटेहरा भिजवा दिया। जहां डा. एसपी गुप्ता द्वारा सभी का परीक्षण कर घर से बाहर अलग रह कर अलग थाली और लोटा बर्तन करके अपने हाथ से धोने और बराबर कपड़े स्वयं साफ करने को निर्देशित किया। साथ ही कम से कम 14 दिन ग्रामीणों एवं परिवारीजन को भी परहेज करने की नसीहत दे डाली।