जितेंद्र के घर का बूझ गया चिराग, एकलौता पुत्र था हर्षित
जागरण संवाददातामड़िहान (मीरजापुर) क्षेत्र के पचोखरा खुर्द गांव निवासी जितेंद्र मजदूरी करके
जागरण संवाददाता,मड़िहान (मीरजापुर) :क्षेत्र के पचोखरा खुर्द गांव निवासी जितेंद्र मजदूरी करके अपने तीनों बच्चों का पालन पोषण करते थे। घर में तीन संतान होने से उनका घर भरापूरा हुआ था। उनकी खिलखिलाहट देखकर वे बहुत ही खुश रहत थे, लेकिन सोमवार की शाम हुए हादसे में उनके कलेजे के टुकड़ों को नियति ने छीन लिया। उनकी याद करके वे बार-बार बेहोश हो जा रहे थे।
सोमवार की शाम तीनों बच्चे रानी, सुनैना व हर्षित खुशियों भरा पल बिता रहे थे। जितेंद्र घर से थोड़ी दूर पर ही गांव में थे, जबकि मां खलिहान में धान की सफाई कर रही थी। इसी बीच बड़ी बेटी सुनैना परिवार के लिए चना का साग लेकर घर पहुंची तो भाई हर्षित और छोटी बहन रानी को घर में न पाकर खोजते-खोजते खलिहान जा पहुंची। अपने भाई बहन के पास पुआल में बने अस्थाई घरौंदे में सो गई। इसी बीच बगल में जल रहे आग की चिगारी ने विकराल रूप ले लिया और उसी आगोश में तीनों संतान समा गए। मां की चीख पुकार सुनकर आस-पड़ोस व स्वजन भी दौड़े ,लेकिन तब तक मां सुभावती के सामने ही एकलौते पुत्र हर्षित ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। दोनों बेटियों की सांसें भी सदा के लिए थम गई। अचानक सदा के लिए मां की आंख के तारे ओझल हो गए। इस ह्रदय विदारक घटना से हर किसी की आंखें नम थी। जितेंद्र मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे और कच्चे मकान में रहकर जीवन व्यतीत करते है।
परिवार नहीं कराना चाह रहा था पोस्टमार्टम
परिवार किसी प्रकार से पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं था। उनका कहना था कि अपने बच्चों को आंख के सामने ऐसा नहीं होने देंगे। मौके पर पहुंचीं तहसीलदार नूपुर सिंह व नायब तहसीलदार बिदु नंदन सिंह के द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद स्वजन ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सौंप दिया। हालांकि शव सौपें जाने के बाद स्वजन का रो-रो कर हाल बुरा है। मां तथा पिता दोनों बेहोश हो जा रहे हैं, लेकिन अब तोतली बोली के साथ मां -बाप बुलाने वाले सभी लाडले सदा-सदा के लिए आंखों से ओझल हो चुके हैं। तहसीलदार नूपुर सिंह ने बताया कि दैवीय आपदा के तहत परिवार को लाभ दिलाया जाएगा।