बटाई पर खेती करने वाले किसानों की उपज का होगा सत्यापन
सरकार द्वारा धान खरीद में बटाई पर खेती करने वाले किसानों को क्रय केंद्रों पर धान बेचने की राहत दी है लेकिन शर्तो के अधीन। बटाई पर खेती करने वाले किसान को संबंधित किसान से सहमति पत्र लेकर जमा करना होगा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार द्वारा धान खरीद में बटाई पर खेती करने वाले किसानों को क्रय केंद्रों पर धान बेचने की राहत दी है, लेकिन शर्तो के अधीन। बटाई पर खेती करने वाले किसान को संबंधित किसान से सहमति पत्र लेकर जमा करना होगा। बटाई पर खेती करने वाले किसानों की उपज का सत्यापन एसडीएम द्वारा किया जाएगा। एसडीएम से रिपोर्ट मिलने के बाद ही क्रय केंद्र पर धान खरीद हो सकेगी। इसके बाद ही उनके खाते में खरीद की धनराशि पीएफएमएस से भेजी जाएगी। वर्तमान में अब तक सात किसानों से 27.38 एमटी धान खरीद की जा चुकी है। पारदर्शिता बरतने के उद्देश्य से जनपद में पहली बार पीएफएमएस से 99 क्िवटल धान खरीद का एक लाख 77 हजार रुपये भुगतान भी किया गया है।
जनपद में एक नवंबर से चल रही धान खरीद आगामी 29 फरवरी 2020 तक चलेगी। गांवों में कई जमीन विहीन किसान दूसरे बड़े किसानों से एक वर्ष की बटाई पर खेत लेकर खेती-बारी करते हैं, लेकिन उनको अपनी उपज को बेचने के लिए खेत मालिक अथवा साहूकारों के पास जाना पड़ता है, जिससे उनको उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है, इसको देखते हुए सरकार ने ये व्यवस्था लागू की है। हालांकि इसके लिए बटाई पर खेती करने वाले किसानों को सहमति पत्र या ठेके पर लेकर खेती करने वाले बड़े किसानों को एग्रीमेंट देना होगा। जिला खाद्य व विपणन अधिकारी अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शासन द्वारा सामान्य धान का 1815 रुपये प्रति क्िवटल और ग्रेड ए धान का 1835 रुपये समर्थन मूल्य तय किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा खरीद के लिए 105 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें खाद्य विभाग के 12, पंजीकृत उप सहकारी समिति के 18, एफपीसी के 13, पीसीएफ के 35, यूपी एग्रो के तीन, पीसीयू के सात, नैफेड के 12, कल्याण निगम के चार व भारतीय खाद्य निगम का एक क्रय केंद्र बनाया गया है।