हलिया इलाका का जंगल अपराधियों के लिए बनता जा रहा सेफ जोन
प्रशांत यादव मीरजापुर जिले के हलिया क्षेत्र का जंगल अपराध करने के लिए सबसे सेफ जोन बनता जा
प्रशांत यादव मीरजापुर : जिले के हलिया क्षेत्र का जंगल अपराध करने के लिए सबसे सेफ जोन बनता जा रहा हैं। यहां अपराधी बड़े ही आसानी से अपहरण कर बालक या अन्य किसी की हत्या कर जंगल में शव फेंककर फरार हो जाते हैं, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती है। मामला तब उजागर होता हैं जब संबंधित थाने की पुलिस हत्यारोपित को पकड़कर जंगल में लेकर जाती हैं और उसकी निशानदेही पर शव बरामद करती है। हालांकि तबतक काफी देर हो जाती हैं और मरने वाले बालक या किशोर का शव नहीं बल्कि कंकाल मिलता है। यही कारण हैं कि अबतक हलिया व लालगंज के जंगली क्षेत्र में आठ बालक व किशोर की हत्या कर आरोपित शव ठिकाने लगा चुके हैं।
मध्य प्रदेश व प्रयागराज से सटे इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा जंगली इलाका है। सबसे अधिक जंगल ड्रमंडगंज क्षेत्र में है। जो मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। यहां के जंगल में खूंखार जानवर होने के बावजूद अपराधी बड़े आराम से जंगल में घुसकर जघन्य हत्या जैसे वारदात को अंजाम देकर कई दिनों तक पुलिस की आंख में धूल झोंकते रहते हैं। जब पकड़े में जाते हैं तो उनके अपराध का राजफाश होता है। लगातार हो रही इस क्षेत्र में हत्या से लोगों में दहशत का माहौल बनता जा रहा है। अबतक इस इलाके में आठ बालक व किशोरों की हत्या हो चुकी है। इसमें कुछ आरोपितों को पुलिस ने पकड़ लिया जबकि कुछ घटनाओं का तो आज तक पर्दाफाश ही नहीं हो सका। ऐसे में लोगों ने इस क्षेत्र में चौराहे और तिराहे पर सीसी टीवी कैमरा लगाने की मांग की है। ताकि अपराधी किसी अपराध को अंजाम देकर छिप नहीं सके। केस नंबर एक--
एक साल पहले बालक की फिरौती न देने पर हुई थी हत्या एक साल पहले लखनऊ निवासी आशीष कुमार नामक दस वर्षीय बालक का अपराधियों ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था। आशीष किसी व्यापारी का पुत्र था। बदमाशों ने स्वजनों से 50 लाख रुपये की फिरौती की मांगी थी। फिरौती की रकम नहीं देने पर बालक को हलिया के ड्रमंडगंज जंगल में ले जाकर मार दिया था। करीब छह महीने बाद घटना का राज खुलने पर क्राइम ब्रांच व लखनऊ के एक थाने की पुलिस दो आरोपितों को लेकर ड्रमंडगंज के जंगल में पहुंची तो सड़क से करीब पांच किलोमीटर अंदर एक स्थान पर बालक का कंकाल और स्कूल ड्रेस मिला था। जिसको लेकर पुलिस लखनऊ चली गई थी। केस नंबर दो --
प्रयागराज के एक किशोर का फिरौती के लिए अपहरण कर जंगल में मारा प्रयागराज के सरायथान क्षेत्र निवासी अंकित बिद की भी फिरौती के लिए कुछ आरोपितों ने 19 अगस्त को अपहरण किया था। उसे 20 अगस्त को ड्रमंडगंज के जंगल में लाकर मार दिया था। इसके बावजूद स्वजनों से फिरौती की रकम मांग रहे थे। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जंगल में लाया गया तो 29 अगस्त के दिन बरम बाबा मंदिर के बगल से गए रास्ते से अंदर जाने पर जंगल में किशोर अंकित का क्षतविक्षत शव बरामद हुआ था। केस नंबर तीन --
एक महीने से लापता तीन बालिकाओं का कंकाल हर्रा जंगल से बरामद हलिया के बेलाही गांव निवासी तीन बालिकाओं ममता, गोलू व मुन्नी को भी 16 अगस्त के दिन उसकी मां के इशारे पर ड्रमंडगंज के हर्रा जंगल में लेकर मार दिया गया था। जिनका कंकाल 22 सितंबर को बरामद हुआ था। इस घटना का आजतक पर्दाफाश नहीं हुआ। केस नंबर चार -
इसी तरह लालगंज के बामी गांव में हत्यारोपितों ने तीन किशारों सुधांशु, शिवम व हरिओम निवासी बामी की एक दिसंबर 2020 के दिन हत्या कर दी गई थी। इनका शव दो दिसंबर को विध्याचल के लेहड़िया बंधी में मिला था। इस घटना का आजतक राजफाश नहीं हो सकता। वर्जन
हलिया व लालगंज क्षेत्र में रात को गश्त बढ़ाई जाएगी। हालांकि रात को जंगल में किसी को लेकर मारने का सवाल नहीं उठता है। अधिकांश लोग दिन में बालक, बालिकाओं या अन्य किसी को लेकर जाकर मार देते हैं। इसपर निगाह रखने की जरुरत है।
महेश अत्री अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन