जिला पंचायत में बिना लाइसेंस नहीं खुलेंगे प्रतिष्ठान

शिकंजा -लाइसेंस नहीं बनवाने वाले प्रतिष्ठानों को अब नोटिस जारी करने की तैयारी - शोरूम श

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 04:33 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 04:33 PM (IST)
जिला पंचायत में बिना लाइसेंस नहीं खुलेंगे प्रतिष्ठान
जिला पंचायत में बिना लाइसेंस नहीं खुलेंगे प्रतिष्ठान

शिकंजा

-लाइसेंस नहीं बनवाने वाले प्रतिष्ठानों को अब नोटिस जारी करने की तैयारी

- शोरूम, शराब व बियर की दुकान से भी शुल्क वसूलेगी जिला पंचायत

-लाइसेंस न बनवाने पर अर्थदंड के साथ ही सजा का प्राविधान जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिला पंचायत से लाइसेंस बनवाकर और निर्धारित शुल्क जमा किए बगैर कोई भी प्रतिष्ठान अर्थात दुकान अब नहीं खुल सकेगी। लाइसेंस नहीं बनवाने वाले प्रतिष्ठानों को जिला पंचायत अब नोटिस जारी करने जा रही है। इसके साथ ही इन प्रतिष्ठानों अथवा दुकानों पर कार्रवाई के लिए संबंधित थानों को नोटिस की कापी भी भेजी जाएगी, जिसके बाद थानाध्यक्ष बिना लाइसेंस खुलने वाले इन प्रतिष्ठानों को खुलने से रोकेंगे। इसके बाद भी लाइसेंस नहीं बनवाने पर जिला पंचायत द्वारा संबंधित को सीजेएम कोर्ट के माध्यम से कार्रवाई करते हुए चालान भेजा जाएगा।

जिला पंचायत अब ग्रामीण क्षेत्र में धड़ल्ले से संचालित हो रहे शोरूम, शराब व बियर की दुकान, सिनेमाघर, नर्सिंग होम, निजी हास्पिटल, फाइनेंस कंपनी, आटो सेल्स आदि से भी शुल्क वसूल करेगी। 15 दिन के अंदर लाइसेंस नहीं बनवाने अथवा निर्धारित शुल्क जमा नहीं करने पर 10 प्रतिशत विलंब शुल्क भी लगेगा। अपर मुख्य अधिकारी नीतू सिंह सिसौदिया ने बताया कि जिला पंचायत द्वारा वर्ष 2015 में शुल्क दर निर्धारित की गई थी। इसके अनुसार, सिनेमा घर 2000 रुपया, नर्सिंग होम 20 बेड तक एक हजार रुपया, 20 बेड से अधिक तक दो हजार रुपया, प्राइवेट हास्पिटल का तीन हजार रुपया, फाइनेंस कंपनी दो हजार रुपया, कबाड़ की दुकान एक हजार रुपया, आटो सेल्स का दो हजार रुपया, बड़ी गाड़ी की एजेंसी का सात हजार रुपया, गैस सिलेंडर के गोदाम व देशी व विदेशी शराब की दुकान का पांच हजार रुपया, गिट्टी बालू की दुकान का दो हजार रुपया, फर्नीचर, आभूषण की दुकान पर 500, गल्ले की दुकान पर एक हजार, बेकरी पर दो हजार व मुर्गी पालन पर एक हजार का वार्षिक शुल्क जमा करना होता है। इसके साथ ही 25 लाख से ऊपर तक के व्यवसाय पर 25 हजार, 25 लाख से एक करोड़ तक 50 हजार और एक करोड़ से अधिक पर लगभग एक लाख का शुल्क जमा करना होता है। जिला पंचायत से बिना लाइसेंस के दुकान संचालन पर बाकायदा एक हजार रुपये का अर्थदंड के साथ ही सजा का भी प्राविधान है। वर्शन

जिला पंचायत क्षेत्र में संचालित होने वाले प्रतिष्ठान, दुकानदार, सिनेमाघर, शोरूम, फाइनेंस कंपनी, आटो सेल्स आदि लाइसेंस बनवाकर संचालन करें। बिना लाइसेंस संचालन करने वाले प्रतिष्ठानों को चिह्नित करते हुए नोटिस भेजा जा रहा है।

- नीतू सिंह सिसौदिया, अपर मुख्य अधिकारी, मीरजापुर।

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