जन-जन के लिए आदर्श है रामकथा : चिन्मयानंद
प्राथमिक अस्पताल सर्रोई के पास में आयोजित श्रीराम कथा
जागरण संवाददाता, गैपुरा (मीरजापुर) : प्राथमिक अस्पताल सर्रोई के पास में आयोजित श्रीराम कथा में चिन्मयानंद बापू ने कहा कि श्रीराम कथा जन- जन के लिए एक आदर्श है। उन्होंने कहा कि सुंदरकांड के प्रारंभ में श्रीहनुमानजी जामवंत को प्रिय लगे। यह हमें दर्शाता है कि जब एक नौजवान व्यक्ति को किसी बुजुर्ग की बात पसंद आने लगे तो समझ लेना कि उस घर के सारे कांड सुंदर है। रामकथा यह हमें सिखाती है कि हमें सदैव बुजुर्गों की बात का सम्मान करना चाहिए। क्योंकि कहीं न कहीं बुजुर्गों में हमसे ज्यादा समझ और हमसे ज्यादा तजुर्बा होता है। महाराज ने कहा कि सुंदरकांड आज के हर व्यक्ति के अलावा माताओं एवं बहनों को पढ़ना आवश्यक है। रामचरितमानस का पूरा मर्म यदि कहीं है तो वह सिर्फ सुंदरकांड में है। सुंदरकांड के प्रारंभ में किष्किधा कांड है और अंत में लंका कांड। मानों हमें यह सीख गोस्वामी तुलसीदास जी ने दी है। किष्किधा कांड विचार का कांड है और लंका कांड कार्य करने का कांड है। उसके बीच में सुंदरकांड है इसका मतलब कि हम कोई कार्य करें तो उसके पहले विचार अवश्य करें। बगैर विचार के कोई भी कार्य करना गलत ही होता है। बाद में रावण वध के साथ रामराज्य की कथा का रसपान कराया और आगामी बहुत सारी कथाओं की घोषणा करते हुए श्रीराम कथा का समापन किया। इस दौरान विध्यवासिनी प्रसाद पांडेय, जिला महिला कल्याण अधिकारी डा. मंजू, दिव्या जायसवाल, शालिनी, नगीना सिंह, आलोक, अनुराग यादव आदि रहे।