भारतीय संस्कृति की पुनस्र्थापना है रामायण कान्क्लेव : डा. लवकुश

जागरण संवाददाता मीरजापुर आदिशक्ति जगत जननी मां विध्यवासिनी की धरती गुरुवार को मर्यादा पुरू

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:48 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:48 PM (IST)
भारतीय संस्कृति की पुनस्र्थापना है रामायण कान्क्लेव : डा. लवकुश
भारतीय संस्कृति की पुनस्र्थापना है रामायण कान्क्लेव : डा. लवकुश

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आदिशक्ति जगत जननी मां विध्यवासिनी की धरती गुरुवार को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की अयोध्या का प्रतिरूप बन गई। अवसर था जन-जन के राम 'रामायण कान्क्लेव' के समापन का। रामायण कान्क्लेव के सांस्कृतिक सत्र में जमकर लोक बयार बही। कलाकारों ने गीत-संगीत के स्वर लहरियों के बीच मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का गुणगान किया।

अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा. लवकुश द्विवेदी ने कहा कि 29 अगस्त से रामायण कान्क्लेव अयोध्या से शुरू हुआ है। इसका उद्देश्य भगवान राम द्वारा स्थापित आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और नौतिक मूल्यों को जन-जन में स्थापित करना है। कहा कि रामायण कान्क्लेव सिर्फ कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की पुनस्र्थापना है। राम जैसा वैराग्य उत्पन्न हो जाए तो भरत जैसे भाई की कमी नहीं होगी। अयोध्या के महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने वैष्णो मतावलंबियों को भी राम आस्था का प्रमुख केंद्र बताया। डा. सभापति मिश्र प्रयागराज ने कहा कि राजा दशरथ के घर में जन्मे श्रीरामचंद्र की जीवन सबके लिए आदर्श और प्रेरणास्त्रोत है। जर्नादन मिश्र वाराणसी ने राम आस्था को भारतीय सांस्कृतिक विरासत का परिचायक बताया। सब में हैं राम..

सांस्कृतिक कार्यक्रम में वाराणसी के डॉक्टर अमलेश शुक्ला ने गीतकार कन्हैया दुबे केडी के लिखे गीत 'रामायण कांक्लेव की छटा निराली है यूपी में छाई खुशहाली है.. राम के नाम की माला जपेगा कोई दिलवाला.. रघुवीर के चरणों में सदा मेरा ठिकाना होगा, से लोगों को मोहित कर दिया। भजन सम्राट ओम प्रकाश ने रामायण शोध संस्थान एवं उत्तर प्रदेश पर्यटन की ओर से आयोजित 'रामायण कान्क्लेव विध्याचल कार्यक्रम में भगवान राम पर अनेक भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं का मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने गीत, हे राम तुम्हारी रामायण से सारा जग है उजियारा और रामायण हो जहां-जहां राम विराजें वहां- वहां जैसे कई भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। साथी कलाकार अनंग गुप्ता, सुधीर कुमार, संजय श्रीवास्तव एवं कई कलाकारों ने भाग लिया। इसके अलावा मीरजापुर के जटाशंकर सौलर नृत्य, मनीष शर्मा कत्थक नृत्य, सुख्खन एवं साथी सोनभद्र करमा नृत्य, अमलेश कुमार एवं साथी वाराणसी भजन व गणेश मिश्र ने भजन प्रस्तुत किया। उपासना एवं साथी वाराणसी कत्थक नृत्य, शैल बाला एवं साथी वाराणसी लोक गायन, मनोहर सिंह एवं साथी गाजीपुर भोजपुरी गायन प्रस्तुत किया। अजीता श्रीवास्तव ने भी कजली गायन प्रस्तुत किया। थिएटर एवं फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन लखनऊ की ओर से सब में है राम.. नाट्य प्रस्तुति की गई। कलाकारों को किया सम्मानित

अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा. लवकुश द्विवेदी, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी वाराणसी डा. सुभाष चंद्र यादव, जिला सूचना अधिकारी डा. पंकज कुमार ने कलाकारों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

रामचरित मानस पर आधारित गायन और प्रश्नोत्तरी में निहाल व वैभव ने मारी बाजी

उत्तर प्रदेश राज्य संगीत नाटक अकादमी की ओर से रामायण कान्क्लेव में रामचरित मानस पर आधारित गायन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 10 से 18 आयु वर्ग के 44 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। निहाल मौर्य ने गायन और वैभव पांडेय ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। ये दोनों प्रतिभागी राज्य स्तरीय फाइनल में मंडल का प्रतिनिधित्व करेंगे। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में विजेता को दस हजार का नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र मिलेगा।

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