सुगंधित धान से महकेगा राजगढ़ इलाका, किसान होंगे खुशहाल

जागरण संवाददाता भावां (मीरजापुर) सिचाई की समस्या खेती में बढ़ती लागत और विपणन की समस्या को देखते हुए राजगढ़ क्षेत्र के देवपुरा और धौरहा न्याय पंचायत के किसान अब सुगंधित धान की खेती करने का मन बना रहे हैं। ऐसी प्रजाति जो दो पानी में भी पैदा हो जाए और अछी पैदावार भी दे दे। सिचाई व्यवस्था वाले किसान अधिक दिनों वाली प्रजाति की खेती करेंगे जिससे खेती करने की लागत कम हो और पैदावार भी अधिक हो। साथ में विपणन की परेशानी न हो जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे और वे खुशहाल हों। इसके लिए कुछ किसानों ने सीधी बुवाई के जरिए खेती करने की रणनीति बनाई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:18 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:18 PM (IST)
सुगंधित धान से महकेगा राजगढ़ इलाका, किसान होंगे खुशहाल
सुगंधित धान से महकेगा राजगढ़ इलाका, किसान होंगे खुशहाल

जागरण संवाददाता, भावां (मीरजापुर) : सिचाई की समस्या खेती में बढ़ती लागत और विपणन की समस्या को देखते हुए राजगढ़ क्षेत्र के देवपुरा और धौरहा न्याय पंचायत के किसान अब सुगंधित धान की खेती करने का मन बना रहे हैं। ऐसी प्रजाति जो दो पानी में भी पैदा हो जाए और अच्छी पैदावार भी दे दे। सिचाई व्यवस्था वाले किसान अधिक दिनों वाली प्रजाति की खेती करेंगे, जिससे खेती करने की लागत कम हो और पैदावार भी अधिक हो। साथ में विपणन की परेशानी न हो जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे और वे खुशहाल हों। इसके लिए कुछ किसानों ने सीधी बुवाई के जरिए खेती करने की रणनीति बनाई है।

म़ड़िहान तहसील क्षेत्र के राजगढ़ के विभिन्न ग्रामों में गोष्ठी आयोजित कर साउथ कैंपस बरकछा के कृषि वैज्ञानिकों ने सीधी बुवाई से अधिक लाभ के लिए किसानों को जानकारी दी है। राजगढ़ और पटेहरा का इलाका पहाड़ी और ऊबड-खाबड़ होने के कारण इन इलाकों में पानी की समस्या बनी रहती है। इससे फसलें पानी के अभाव में सूख जाती हैं और किसान कर्ज में डूब जाता है। इसलिए अब मध्यम वर्ग के किसानों ने ठाकुर भोग, काला नमक, लवंग चूर्ण एवं अन्य सुगंधित धानों की खेती करने का मन बनाया है। किसान राजेश कुमार सिंह, संजय सिंह, रामकृत मौर्य आदि किसानों ने बताया कि पानी की कमी और रोपाई की लागत बढ़ने से खेती में घाटा हो रहा है। साथ ही पैदावार को बेचने में काफी परेशानी होती है। इसलिए अब हम लोगों ने सुगंधित खेती करने का मन बनाया है, जिससे लागत कम और बेचने में परेशानी न हो और हम लोग खुशहाल रह सकें। वर्जन

खेती की कम लागत करने के लिए किसान यदि सीधी बुवाई के जरिए धान की खेती करते हैं तो इसके लिए यह इलाका पूरी तरह से उपयुक्त है। यदि किसान छिटकवां विधि को त्याग कर जीरो सीड ड्रिल या हल के पीछे बीज गिरा कर बुवाई करते हैं तो निश्चित रूप से किसानों को कम लागत में अच्छा पैदावार मिलेगा। इस विधि में कम खाद में अच्छी पैदावार होगी। डा. श्रीराम सिंह, कृषि वैज्ञानिक, साउथ कैंपस बरकछा बीएचयू।

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