रेल कर्मी व अधिकारी जर्जर आवासों में रहने को विवश

स्थानीय रेलवे कालोनी में बने आवास काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो गए है। इन जर्जर आवासों में जान हथेली पर लेकर परिवार संग रेल कर्मी व अधिकारी रहने को विवश है। इस दौरान कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों से मरम्मत कराने के लिए लिखित पत्रक देकर गुहार लगाई लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Mar 2019 09:58 PM (IST) Updated:Tue, 26 Mar 2019 09:58 PM (IST)
रेल कर्मी व अधिकारी जर्जर 
आवासों में रहने को विवश
रेल कर्मी व अधिकारी जर्जर आवासों में रहने को विवश

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : स्थानीय रेलवे कालोनी में बने आवास काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो गए है। इन जर्जर आवासों में जान हथेली पर लेकर परिवार संग रेल कर्मी व अधिकारी रहने को विवश है। इस दौरान कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों से मरम्मत कराने के लिए लिखित पत्रक देकर गुहार लगाई लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

रेलवे कालोनी में लगभग चार सौ से अधिक आवास है। इनमें कई आवास ऐसे है जो पूरी तरह से जर्जर हो गए है। दरवाजा और खिड़की पुराना होने के कारण फट गई है, बारिश में छत से पानी टपकता है, दीवारें फट गई है। इस दौरान वरिष्ठ खंड अभियंता दूरसंचार एनके सिन्हा ने कई बार एडीईएन व आईओडब्ल्यू को पत्रक सौंपकर मरम्मत कराने की मांग की लेकिन आज तक उनके आवास को दुरुस्त नहीं कराया गया। इसी तरह कईयों के आवास पूरी तरह से जर्जर हो गए है लेकिन आज तक मरम्मत नहीं कराया गया है। वही आरोप है कि नए भवन भी मानक के अनुसार न बने होने के कारण वे भी जर्जर अवस्था में पहुंच गई है।

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