अब रेल नहीं होगी डिरेल, पटरी टूटते कंट्रोल रूम को मिलेगा संदेश

मीरजापुर अब रेल रेल पटरी टूटते ही तत्काल कंट्रोल रूम को जानकारी हो जाएगी। जानकारी होते ही मौके पर रेल कर्मी पहुंचकर मरम्मत कार्य शुरू कर दुरूस्त कर देंगे। जिससे दुर्घटना न होने पाए और ट्रेनों के आवागमन में परेशानी न हो। इसके लिए रेलवे विभाग द्वारा कवायद शुरू कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 08:32 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 11:18 PM (IST)
अब रेल नहीं होगी डिरेल, पटरी टूटते कंट्रोल रूम को मिलेगा संदेश
अब रेल नहीं होगी डिरेल, पटरी टूटते कंट्रोल रूम को मिलेगा संदेश

राजकुमार सिंह, मीरजापुर

अब रेलगाड़ियां डिरेल नहीं होंगी तो लोग ट्रेनों में हैप्पी जर्नी कर सकेंगे। इससे हर साल दर्जनों हादसों में जाने वाली सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकेगी। अब रेल पटरियों के चटकते ही तत्काल कंट्रोल रूम को संदेश मिल जाएगा। जानकारी होते ही मौके पर रेल कर्मी पहुंचकर मरम्मत कार्य करके रेल पटरी को दुरूस्त कर देंगे। इससे ट्रेन हादसे को रोका जा सकेगा और उस रूट पर दूसरी ट्रेनों के आवागमन भी सुगम हो जाएगा। इसके लिए रेलवे विभाग द्वारा आस्ट्रिया देश के सहयोग से मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर एफटीएस (फ्रासर ट्रैकिग सेल्यूशन) मशीन लगाया जा रहा है। इसके सफल होते ही देशभर के स्टेशनों पर भी एफटीएस मशीन लगाए जाएंगे।

ठंड के मौसम में रेल पटरियों के टूटने या अराजक तत्वों द्वारा तोड़ने के कारण हर साल दर्जनों रेल हादसों में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवाते रहे हैं। लेकिन अब रेल महकमे ने इससे बचाव के लिए तैयारी कर ली है। इसके लिए रेल महकमे ने आस्ट्रिया देश की फ्रांसर सेंसर टेक्नोलाजी इंडिया प्राइवेट कंपनी द्वारा मीरजापुर स्टेशन पर फ्रासर ट्रैकिग सेल्यूशन (एफटीएस) मशीन लगाने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में मीरजापुर से लेकर मांडा रेलवे स्टेशन के बीच लगभग चालीस किमी तक ट्रायल के लिए कार्य किया जा रहा है। अगर ट्रायल सफल रहा तो देश के समस्त स्टेशनों पर एफटीएस मशीन लगाया जाएगा। सोमवार को आस्ट्रिया से आए सिस्टम इंजीनियर कैलम वीवर की टीम ने मशीन को फीट करते हुए चेक किया और मशीन में ट्यूनिग सिस्टम को सुरक्षित करने का कार्य शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि यह एनसीआर का पहला सिस्टम है। कंपनी के इंजीनियर पंकज सिंह ने बताया कि ट्रायल का कार्य चार करोड़ की लागत से शुरू कर दिया गया है। अप व डाउन लाइन के किनारे आप्टीकल फाइवर केबल बिछाया गया है। इस प्रोजेक्ट का नाम फ्रासर ट्रैकिग सेल्यूशन मशीन (एफटीएस) है। इसके लिए कंट्रोल रूम मीरजापुर रेलवे स्टेशन के रेलवे माइक्रो वेब कैंपस में बनाया गया है। कंट्रोल रूम में मशीन के साथ दो बड़े एलसीडी लगाए जाएंगे और एलसीडी पर ट्रैकों का संचालन होगा। केबल के फ्रीक्वेंसी के जरिए पटरी टूटने की जानकारी तत्काल कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी व कर्मी हो जाएगी। यह पहला ट्रायल मीरजापुर से मांडा के बीच किया जा रहा है और दिसंबर के अंत तक अप लाइन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

वर्जन

मीरजापुर से लेकर मांडा रेलवे स्टेशन के बीच का यह पहला ट्रायल है जिसे सफल बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसके सफल होते ही देश के समस्त स्टेशनों पर मशीन लगवाया जा सकता है।

- सुजीत सिंह, इंजीनियर मंडल सिग्लन दूरसंचार।

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