छह खनन पट्टा प्रस्तावों पर हुई लोक सुनवाई

चुनार तहसील स्थित सभागर में बुधवार को एडीएम यूपी सिंह की अध्यक्षता में छह कंपनियों के खनिज पट्टा प्रस्तावों पर लोक सुनवाई की कार्रवाई की गई। इस दौरान मेसर्स पैन जुरेक्स एलएलपी ग्राम भईली मेसर्स खाकी बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी भगौती देई व ग्राम सिधोरा मेसर्स यूफोरिया माईस एंड मिनरल ग्राम भुइली की मेसर्स आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्राम सोनपुर के कंसल्टेंटों ने कंपनी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 08:48 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 08:48 PM (IST)
छह खनन पट्टा प्रस्तावों 
पर हुई लोक सुनवाई
छह खनन पट्टा प्रस्तावों पर हुई लोक सुनवाई

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : चुनार तहसील स्थित सभागार में बुधवार को एडीएम यूपी सिंह की अध्यक्षता में छह कंपनियों के खनिज पट्टा प्रस्तावों पर लोक सुनवाई की कार्रवाई की गई। इस दौरान मेसर्स पैन जुरेक्स एलएलपी ग्राम भईली, मेसर्स खाकी बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी भगौती देई व ग्राम सिधोरा, मेसर्स यूफोरिया माईस एंड मिनरल ग्राम भुइली की मेसर्स आरके कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्राम सोनपुर के कंसल्टेंटों ने कंपनी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

लोक सुनवाई के लिए तीन बजे का समय दिया गया था जो एडीएम के आने के बाद चार बजे के बाद प्रारंभ हो सकी। इस दौरान क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी डा. एसपी शुक्ला ने कार्रवाई का संचालन करते हुए उपस्थित लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की।

कार्रवाई के दौरान भगौतीदेई के पूर्व प्रधान रामसमुझ पटेल ने कहा क्षेत्र में पूर्व में लगे क्रशर प्लांटों से गांव में प्रदूषण फैल रहा है। खनिज ढुलाई के समय मालिकों द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जाता। उन्होंने और खानिज पट्टे दिए जाने पर क्षेत्र के भूगर्भ जल स्तर के नीचे जाने के संकट पर भी चिता व्यक्त की। पर्यावरण विद बरेवां ग्राम निवासी प्रदीप कुमार शुक्ल ने आपत्ति जताते हुए कंपनियों के कंसल्टेंटों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों को संदेहास्पद बताते हुए उन्हें सिरे से खारिज करते हुए प्रस्तुत आंकड़ों की पुन: जांच की बात कही। पूरी कार्रवाई को हास्यापद बताते हुए कहा कि लोक सुनवाई का व्यापक प्रचार-प्रसार न करने से संबंधित क्षेत्रों के नागरिक अपनी आपत्तियां दर्ज कराने को यहां नहीं पहुंच पाए हैं, अत: इसके लिए पुन: कोई तिथि निर्धारित की जाए। लोक सुनवाई कार्रवाई के दौरान पूरी कार्रवाई की वीडीओ ग्राफी की जाती है जो लोक सुनवाई का पा‌र्ब्ट होती है। परंतु इस दौरान जब लोगों द्वारा अपनी आपत्तियां दर्ज कराई जाने लगे तो उसकी वीडीओ ग्राफी वीडीओ ग्राफर द्वारा नहीं की गई, जो एक संदेहाष्पद कृत्य था। इस दौरान एसडीएम चुनार जंगबहादुर यादव, खनन विभाग के ड्राफ्टमैन राधेश्याम, कंपनियों के मालिक, उनके कंसल्टेंट, राजेंद्र प्रसाद मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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