प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेड़ों का विश्रामालय

मझवां ब्लाक के जमुआं गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की संख्या कम, भेड़, बकरियों और पशुओं की संख्या ज्यादा पहुंचती है। करोड़ों की लागत से बनी अस्पताल की इमारतों का इस्तेमाल अराजक तत्व व जुआ खेलने वाले करते हैं और रात में यहां भेड़ें पाली जाती हैं। वर्षों से ऐसा हो रहा लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने इसका निरीक्षण तक नहीं किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 09:28 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 10:18 PM (IST)
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  भेड़ों का विश्रामालय
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेड़ों का विश्रामालय

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मझवां ब्लाक के जमुआं गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की संख्या कम, भेड़, बकरियों और पशुओं की संख्या ज्यादा पहुंचती है। करोड़ों की लागत से बनी अस्पताल की इमारतों का इस्तेमाल अराजक तत्व व जुआ खेलने वाले करते हैं और रात में यहां भेड़ें पाली जाती हैं। वर्षों से ऐसा हो रहा लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने इसका निरीक्षण तक नहीं किया।

जमुआं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की नई बि¨ल्डग करीब 20 वर्ष पहले बनाई गई जिसमें बाकायदा अस्पताल चले तो 100 बेड का अस्पताल बेहतर चल सकता है। लेकिन ताज्जुब की बात है कि निर्माण के दो दशक बीत जाने के बाद भी यह इमारतें निष्प्रयोज्य हैं। सिर्फ एक बि¨ल्डग में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चलता है जबकि चार अन्य इमारतें इन दिनों जुआ खेलने वाले व नशेड़ियों का अड्डा बन गई हैं। यहां बड़े परिसर में रात भर भेड़ें रखी जाती हैं। जलापूर्ति के लिए बना ट्यूबवेल आज तक नहीं चल पाया। इमारतों की खिड़कियां, दरवाजे टूट चुके हैं और सिर्फ बि¨ल्डग ही खड़ी है। स्थानीय निवासी विद्याधर दूबे ने बताया कि इस अस्पताल को चालू किया जाए तो जिले में इससे बड़ा अस्पताल नहीं होगा और इससे करीब 25 हजार लोग लाभान्वित होंगे। किराये के कमरे में आयुर्वेदिक अस्पताल

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का दूसरा बड़ा नमूना है कि जमुआं में चल रहा आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र किराये के कमरे में चलता है। जहां न तो दवाएं मिलती हैं और न ही डाक्टर मिलते हैं। जबकि यहां चार इमारतें खाली पड़ी हैं और उसमें नशेड़ियों, जुआड़ियों का अड्डा बना हुआ है।

chat bot
आपका साथी