मझवां ब्लाक में सफाईकर्मी बन गए पटल बाबू, कार्यालय के हालात बेकाबू
मझवां ब्लाक कार्यालय रोजाना पहुंचने वाले सैकड़ों फरियादियों को अधिकारियों की खाली कुर्सियां मायूस करती हैं। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने जैसे सामान्य कार्यों के लिए भी आम जनता को दर्जनों बार चक्कर लगाना पड़ता है। कार्यालय में विभिन्न पटल पर तैनात सफाईकर्मियों की मनमानी का आलम यह है कि अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाते। इसी वजह से निराश लौटने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
जागरण संवाददाता, कछवां (मीरजापुर) : मझवां ब्लाक कार्यालय रोजाना पहुंचने वाले सैकड़ों फरियादियों को अधिकारियों की खाली कुर्सियां मायूस करती हैं। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने जैसे सामान्य कार्यों के लिए भी आम जनता को दर्जनों बार चक्कर लगाना पड़ता है। कार्यालय में विभिन्न पटल पर तैनात सफाईकर्मियों की मनमानी का आलम यह है कि अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाते। इसी वजह से निराश लौटने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
मझवां ब्लाक कार्यालय में मंगलवार को जागरण टीम पहुंची तो बीडीओ कार्यालय का दरवाजा बंद मिला। पूछने पर पता चला कि खंड विकास अधिकारी डा. घनश्याम प्रसाद उपायुक्त स्वत: रोजगार है और मझवां के साथ सीखड़ ब्लाक का चार्ज भी इनके जिम्मे है। इसी वजह से नियमित कार्यालय नहीं पहुंच पाते। सहायक विकास अधिकारी पंचायत कार्यालय का नजारा देखने लायक रहा और कैमरे का फ्लैश देखते ही वार रूम में बैठा एक सफाईकर्मी बाबुओं के टेबल पर पहुंच गया। पूछने पर बताया कि वह सफाईकर्मी है और उसके अलावा दो और भी सफाई कर्मी दफ्तर में पटल संभाल रहे हैं। एडीओ पंचायत रविकांत ओझा जिनके जिम्मे मझवां के साथ कोन ब्लाक की भी जिम्मेदारी है। उनकी तैनाती के पहले से ही उन लोगों को पटल बाबू की कमी को पूरा करने के लिए बाबू बनाया गया है। वे सभी शौचालय योजना, खडंजा, नाली निर्माण आदि कार्यों का लेखा जोखा करते हैं। सफाईकर्मियों को इस तरह बाबू का पद और अधिकार दिया जाना आश्चर्यजनक है। वहीं खंड विकास अधिकारी कार्यालय के बगल के दफ्तर की कुर्सियों पर बैठकर सीनियर क्लर्क हौसिला प्रसाद दूबे रूटीन का काम निपटाते मिले। दुर्गेश श्रीवास्तव डाक चढ़ा रहे थे, वहीं रमेश कुमार प्रधानमंत्री आवास योजना फार्म को डिस्पैच कराने पहुंचे थे। कंप्यूटर रूम में राजू कंप्यूटर आपरेटर मनरेगा, कन्या सुमंगला योजना, पेंशन आदि का डिजिटल सिग्नेचर अपडेट कर रहे थे। लेखा सहायक डीएम की बैठक की तैयारी को लेकर कागजों में उलझे हुए थे।इस दौरान क्षेत्र से आए फरियादी इधर-उधर अपने कामों को कराने के लिए भटकते मिले। निगतपुर निवासी मोहन वर्मा ने बताया कि वे जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान हैं। वहीं दियांव निवासी रामआसरे पेंशन फार्म को लेकर सेकेट्ररी का इंतजार करते रहे। ब्लाक परिसर में पसरी गंदगी व कूड़ा-करकट स्वच्छता मिशन को मुंह चिढ़ाता दिखा।