काली खोह व अष्टभुजा मंदिर के चारों ओर बनेगा परिक्रमा पथ

जागरण संवाददाता मीरजापुर देश के कोने-कोने से विध्याचल आने वाले दर्शनार्थियों को अब नवरा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 07:32 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:53 PM (IST)
काली खोह व अष्टभुजा मंदिर के चारों ओर बनेगा परिक्रमा पथ
काली खोह व अष्टभुजा मंदिर के चारों ओर बनेगा परिक्रमा पथ

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : देश के कोने-कोने से विध्याचल आने वाले दर्शनार्थियों को अब नवरात्र सहित अन्य दिनों में त्रिकोण के दौरान संकरे रास्ते का सामना नहीं करना पड़ेगा। मां विध्यवासिनी की तरह ही अष्टभुजा व काली मां के मंदिरों के चारों ओर परिक्रमा करने का मौका मिलेगा। इसके लिए मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाया जाएगा। साथ ही इन मंदिरों पर आने-जाने वाले रास्तों को भी चौड़ा किया जाएगा। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। जल्द ही परिक्रमा पथ के लिए आसपास मौजूद भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके बाद रास्तों को बनाने के लिए भूमि ली जाएगी।

नवरात्र के दिनों में देश और प्रदेशभर से 20 लाख से अधिक भक्त मां विध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने आते हैं। अन्य दिनों में भी दर्शनार्थी यहां आते रहते हैं। त्रिकोण भी करते हैं, लेकिन उनको इस दौरान संकरे रास्तों का सामना करना पड़ता है। परिक्रमा भी नहीं कर पाते हैं। इसको देखते हुए सरकार ने मां विध्यवासिनी का सुंदरीकरण कराने का निर्णय लिया था। विध्य कारिडोर परियोजना के तहत मंदिर के चारों ओर 50 फीट परिक्रमा पथ बनाने का निर्देश दिया गया। इसके लिए भूमि भी अधिगृहित की गई। मां विध्यवासिनी के अलावा श्रद्धालु अष्टभुजा व कालीखोह भी जाते हैं। मान्यता है कि त्रिकोण करने से भक्तों की मुराद पूरी होती है, लेकिन अष्टभुजा व कालीखोह में परिक्रमा पथ नहीं है। ऐसे में सरकार ने यहां भी परिक्रमा पथ बनाने के साथ ही सड़कों को चौड़ा करने का निर्देश दिया है। मां विध्यवासिनी का कार्य पूरा होने के बाद यहां भी कार्य शुरू किया जाएगा। सड़कें होंगी चौड़ी

मां विध्यवासिनी के अलावा कालीखोह व अष्टभुजा मंदिर के परिक्रमा पथ व इन मंदिरों पर जाने वाले मार्ग भी चौड़े किए जाएंगे। संभावना जताई जा रही है कि दोनों मंदिरों के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाने के लिए 50 फीट भूमि ली जाएगी। रास्तों को चौड़ा करने के लिए 40 से 50 फीट भूमि ली जा सकती है। तालाबों का भी होगा सौंर्दयीकरण

अष्टभुजा व काली खोह मंदिर का सौंर्दयीकरण होने के साथ ही वहां मौजूद तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसमें मोतिया तालाब, गेरूआ तालाब, कजरहवां का पोखरा शामिल है। यहां पर रंगीन लाइटें भी लगाई जाएंगी। इसके अलावा भक्तों के बैठने की सुविधा भी होगी। वर्जन अष्टभुजा व कालीखोह मंदिर का विस्तारीकरण होगा। परिक्रमा पथ बनाने के साथ ही सड़क भी चौड़ी किए जाने का प्रस्ताव है। बजट आते ही इन मंदिरों पर भी कार्य शुरू कराया जाएगा।

विनय कुमार सिंह, नगर मजिस्ट्रेट मीरजापुर।

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