दो वर्ष से नवनिर्मित नवीन राजकीय हाईस्कूल कागजों पर संचालित

हलिया विकास खंड के ग्राम पंचायत मतवार में नवनिर्मित नवीन राजकीय हाईस्कूल दो वर्ष से बंद पड़ा हुआ है।विद्यालय चालू न होने से क्षेत्र के छात्रों को बीस किमी दूर जाना पड़ता है। जिससे छात्रों के साथ अभिभावकों में रोष हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 09:55 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 06:22 AM (IST)
दो वर्ष से नवनिर्मित नवीन राजकीय हाईस्कूल कागजों पर संचालित
दो वर्ष से नवनिर्मित नवीन राजकीय हाईस्कूल कागजों पर संचालित

(मीरजापुर) : हलिया विकास खंड के ग्राम पंचायत मतवार में नवनिर्मित नवीन राजकीय हाईस्कूल दो वर्ष से बंद पड़ा हुआ है।विद्यालय चालू न होने से क्षेत्र के छात्रों को बीस किमी दूर जाना पड़ता है। जिससे छात्रों के साथ अभिभावकों में रोष हैं। क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया कि विद्यालय तो बंद है लेकिन कागजों पर संचालित है और देखरेख के अभाव में स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो रहा है।

हलिया विकास खंड के ग्राम पंचायत मतवार में माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2011-12 में अनुमानित लगात 51.58 लाख रुपए के लागत से नवीन राजकीय हाईस्कूल का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2016 में कार्यदायी संस्था यूपी एससीआइडीसीएल द्वारा पूर्ण कराने के साथ शिक्षा के लिए चालू कर दिया गया था लेकिन एक वर्ष चलने के बाद विद्यालय बंद कर दिया गया। तब से नवीन राजकीय हाईस्कूल कागज पर चल रहा है। राजकीय हाईस्कूल मतवार में नियुक्त अध्यापक आते ही नहीं है। जबकि नवीन राजकीय हाईस्कूल का निर्माण क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए निर्माण कराया गया था लेकिन बिना देखभाल के भवन भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के लिए लगभग बीस किलोमीटर दूर हलिया जाना पड़ता है। नवीन राजकीय हाईस्कूल का निर्माण पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा की कमी को दूर करने के लिए कराया गया था लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण बंद पड़ा हुआ है। लोगों में रोष

मतवार गांव निवासी श्याम बहादुर पाल का कहना है कि नवीन राजकीय हाईस्कूल का भवन बनने के बाद एक वर्ष तक शिक्षण कार्य हुआ था इसके बाद विद्यालय बंद कर दिया गया। मतवार निवासी रमेश शुक्ला का कहना है कि नवीन राजकीय हाईस्कूल का निर्माण हो जाने से स्थानीय लोगों को शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ता लेकिन अध्यापक नहीं होने के कारण शिक्षा के लिए हलिया जाना पड़ता है।

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