तार न खंभा, बिजली का बिल पहुंचा लंबा

सिटी ब्लाक के महुआरी गांव के लोगों ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर बिजली की व्यवस्था कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत उनकी बस्ती में बिजली पहुंचाने की बात की गई लेकिन सब कुछ कागजों पर ही हुआ। गांव में न तार पहुंचा है और न ही खंभा लगा है कि लेकिन बस्ती वालों के नाम बिजली के बिजली पहुंचने लगे हैं। बिजली विभाग में भी शिकायत की गई लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वास दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 05:32 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 05:32 PM (IST)
तार न खंभा, बिजली का बिल पहुंचा लंबा
तार न खंभा, बिजली का बिल पहुंचा लंबा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सिटी ब्लाक के महुआरी गांव के लोगों ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर बिजली की व्यवस्था कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत बस्ती में बिजली पहुंचाने की बात की गई लेकिन सब कुछ कागजों पर ही हुआ। गांव में न तार पहुंचा है और न ही खंभा लगा है लेकिन बस्ती वालों के नाम बिजली के बिल पहुंचने लगे हैं। बिजली विभाग में शिकायत की गई लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है।

सिटी ब्लाक के महुआरी गांव सरोज बस्ती निवासी अवधेश उर्फ रसीले, मनोज कुमार यादव, लल्ला यादव सहित बस्ती के अन्य लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध जताया। जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें पत्रक सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत बस्ती में बिजली पहुंचाने की कवायद हुई लेकिन अभी न तो खंभे ही गड़े हैं और न ही तार लगाया गया है। इसके बावजूद कई लोगों के नाम से बिजली बिल पहुंच रहे हैं। इससे हैरान, परेशान ग्रामीणों ने तीन महीने पहले ही बिजली विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत की। अभी तक बिजली दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने कहा, अधिकारी आश्वासन दे रहे हैं कि किसी को बिजली का बिल नहीं देना होगा लेकिन कोई यह नहीं बता रहा कि आखिर बिजली कब तक पहुंचेगी। ज्ञापन देने वालों ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा मामले की जांच कराई जानी चाहिए। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। बस्ती में खंभे, ट्रांसफार्मर, तार की व्यवस्था कर लोगों को बिजली दी जाए।

सर्वे रिपोर्ट पर चल रहा खेल

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सौभाग्य योजना के तहत विभाग द्वारा जो सर्वे कराया गया, जिनके नाम नोट किए गए उन्हीं के नाम से बिजली बिल आ रहा है। इसका मतलब साफ है कि कागज पर तो कनेक्शन दे दिया गया लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि इसी तरह कई अन्य बस्तियों में भी गलत व फर्जी बिजली के बिल पहुंच रहे हैं।

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