पुस्तकालयों से दूर हो रही युवा पीढ़ी

युवा पीढ़ी अब पुस्तकालयों से दूर हो रही है। अब उनको गूगल का ही सहारा है। उनको भूतनाथ व चंद्रकांता संतति जैसी पुस्तकों में कोई दिलचस्पी नहीं है। यही वजह है कि अब एकाध पुस्तकालय ही रह गए हैं जहां पर अभी भी पुरानी पुस्तकें संरक्षित हैं लेकिन पाठकों की कमी के चलते अब यहां पर भी सन्नाटा पसर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 07:38 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 07:38 PM (IST)
पुस्तकालयों से दूर
हो रही युवा पीढ़ी
पुस्तकालयों से दूर हो रही युवा पीढ़ी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : युवा पीढ़ी अब पुस्तकालयों से दूर हो रही है। अब उनको गूगल का ही सहारा है। उनको भूतनाथ व चंद्रकांता संतति जैसी पुस्तकों में कोई दिलचस्पी नहीं है। यही वजह है कि अब एकाध पुस्तकालय ही रह गए हैं जहां पर अभी भी पुरानी पुस्तकें संरक्षित हैं लेकिन पाठकों की कमी के चलते अब यहां पर भी सन्नाटा पसर रहा है।

नगर के नारघाट स्थित लाजपत साहित्य सदन इस नगर का प्राचीनतम पुस्तकालय है। यहां पर हजारों पुस्तकें संग्रहित हैं, इनमें पुराणों से लेकर अय्यारी वाली चंद्रकांता संतति व भूतनाथ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकें भी शामिल हैं। इसके अलावा मुंशी प्रेमचंद्र, इलाचंद्र जोशी, सुमित्रानंदन पंत व अन्य कई प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें भी इस पुस्तकालय में संग्रहित हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल का निबंध संग्रह ¨चतामणि भी यहां पर उपलब्ध है लेकिन अब इस पुस्तकालय का उपयोग करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। इसका सीधा कारण पहले टीवी और अब सोशल मीडिया का प्रचार- प्रसार है। यह पुस्तकालय प्रतिदिन सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे के लिए खुलता है। सम सामयिक सभी मैगजीन व पत्रिकाएं तथा समाचार पत्र भी यहां पर नियमित रूप से आते हैं लेकिन पाठकों की संख्या प्रतिदिन कम से कम होती जा रही है। पिछले दस वर्षाें से इस पुस्तकालय में जा रहे रामचंद्र पाल बताते हैं कि पहले लोग शाम को शहीद उद्यान जाते थे तो इस पुस्तकालय में भी जाते थे। काफी भीड़ होती थी लेकिन अब तो शहीद उद्यान में भी काफी कम लोग आते हैं।

व्हाट्सएप व फेसबुक पर बीतता है अधिकतर समय

आज कल के युवाओं का अधिकतर समय व्हाट्सएप व फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर बीतता है। बाहरी चीजें उनके लिए गौण हो गई हैं। उनकी पढ़ने की आदतें भी पाठ्य पुस्तकों तक ही सीमित हो गई हैं। इससे यह समस्या और भी बढ़ गई है।

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