नैनो तकनीक रसायन से तीस फीसद उत्पाद बढ़ेगा, मिट्टी होगी सेहतमंद
जनपद के किसानों के लिए पहली बार नैनो तकनीक से लैस रसायन उपलब्ध कराया जा रहा है। मात्र 350 रुपये में 100 एमएल यह रसायन एक हेक्टेयर में छिड़काव के लिए पर्याप्त है। एक तरफ रासायनिक उर्वरक जहां मिट्टी को लगातार बीमार करते जा रहे हैं वहीं नैनो तकनीक से बने इस रसायन में मिट्टी को नुकसान पहुंचाने वाला कोई तत्व नहीं है। इससे किसानों को दोहरा फायदा होगा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद के किसानों के लिए पहली बार नैनो तकनीक से लैस रसायन उपलब्ध कराया जा रहा है। मात्र 350 रुपये में 100 एमएल यह रसायन एक हेक्टेयर में छिड़काव के लिए पर्याप्त है। एक तरफ रासायनिक उर्वरक जहां मिट्टी को लगातार बीमार करते जा रहे हैं, वहीं नैनो तकनीक से बने इस रसायन में मिट्टी को नुकसान पहुंचाने वाला कोई तत्व नहीं है। इससे किसानों को दोहरा फायदा होगा।
कृषि तकनीक विशेषज्ञों का मानना है कि इस रसायन के छिड़काव से पैदावार में तीस फीसद तक बढ़ोतरी होगी। खाद छिड़काव की जगह इसका घोल बनाकर फसल पर छिड़कने से किसानों के खेत भी दुरुस्त रहेंगे। इफको के वरिष्ठ क्षेत्र निदेशक डा. जीपी तिवारी ने बताया कि देसी तकनीक पर आधारित यह रसायन खेत की मिट्टी को बीमार होने से भी बचाएगा और किसानों को महंगे उर्वरक नहीं खरीदने होंगे। इससे पहले इफको की ओर से जनपद के 20 किसानों को इस रसायन को प्रयोग के लिए दिया गया जिसका सकारात्मक रिजल्ट आया है। कृषि अधिकारी पीके प्रजापति ने इस रसायन को खेती के क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि इसकी खासियत यह है कि डीएपी आदि उर्वरकों से मिट्टी को जितना नुकसान पहुंचता है, इससे वह नुकसान नहीं होगा। इससे खेत में संतुलित उर्वरक प्रयोग करने की तकनीक भी बढ़ेगी क्योंकि अभी किसान ज्यादा से ज्यादा उर्वरक छिड़काव करते हैं। इस रसायन का मात्र सौ मिली एक हेक्टेयर खेत के लिए पर्याप्त होगा।
वर्जन
नैना उत्पादों की श्रृंखला में यह नवीनतम उत्पाद है। इससे उत्पादकता बढ़ेगी, किसानों का श्रम बचेगा, समय की बचत होगी। सबसे बड़ी बात इससे मिट्टी की सेहत भी दुरुस्त रहेगी।
- डा. जीपी तिवारी, वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक